साल 1997 से 2006 तक एफसी बार्सिलोना की युवा टीम के कोच रहे लोबेरा ने
कहा, मैं चाहता हूं कि मेरी टीम फुटबॉल को अपने पास रखे और जब छिन जाए तो
उसे दोबारा हासिल करे। मैं खिलाडिय़ों को क्रियात्मक रूप से खेलते हुए देखना
चाहता हूं और मेरा यह मानना है कि आपके पास फुटबॉल जितने अधिक समय तक
रहेगी, आपको उतना ही कम दौडऩा पड़ेगा। ये भी पढ़ें - ईडन गार्डंस में अब तक लगे हैं 13 शतक, रोहित नं.1, ये हैं पिछले 5
मैं बार्सिलोना की शैली में घुला
मिला हूं और इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मेरी टीम किस तरह से खेलने की
कोशिश करेगी। एफसी पुणे सिटी के सर्बियाई कोच पेपोविक भारतीय मीडिया के साथ
अपने पहले साक्षात्कार में काफी विनोदी अंदाज में दिखे। इसका मतलब यही
लगाया जा सकता है कि वह भी चाहते हैं कि उनकी टीम भी काफी प्रभावशाली अंदाज
में खेले।
उन्होंने कहा, फुटबॉल का लक्ष्य मनोरंजन होना चाहिए। यह
खुशी-खुशी खेला जाना चाहिए। यह आकर्षक होना चाहिए। निश्चित तौर पर आपको
परिणाम के लिए प्रयास करना होगा। ऐसे में मेरी टीम हालात के हिसाब से अंतिम
क्षण तक लडऩे के लिए तैयार है।
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