मुंबई। हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के सीजन-4 में सभी टीमों के कोच अपनी-अपनी टीमों के खिलाडिय़ों को जीवंत और आक्रामक फुटबॉल खेलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। आईएसएल के बीते तीन सीजन में कुल 183 मैच खेले गए हैं और इनमें हिस्सा लेने वाली आठ टीमों ने प्रति मैच 2.51 के औसत से कुल 460 गोल किए हैं। मुंबई में आयोजित हुए आईएसएल मीडिया-डे को देखा जाए, तो यह संख्या निश्चित तौर पर बढऩे वाली है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस आयोजन में शामिल हुए मुख्य कोचों ने इस बात को लेकर स्पष्ट राय रखी है कि वे लीग के चौथे सीजन में अपने खिलाडिय़ों को आक्रामक खेल दर्शाते देखना चाहेंगे। हर कोच यही चाहता है कि इस लीग के माध्यम से फुटबॉलप्रेमियों का भरपूर मनोरंजन हो। केरला ब्लास्टर्स के सहायक कोच थोंगबोई सिंगटो इस बात पर सहमति जताते नजर आए। उन्होंने सहायक के तौर पर वर्षों काम करके मिले अनुभव से हासिल कई चीजों को आईएसएल में आजमाने की तैयारी कर ली है।
इसी तरह पहली बार आईएसएल में कोच की भूमिका निभा रहे एफसी गोवा के सर्गियो लोबेराए एफसी पुणे सिटी के रैंको पेपोविक और चेन्नईयन एफसी के जॉन ग्रेगरी ने भी साफ कर दिया कि उनकी टीमें भी जीतने के लिए खेलेंगी। इन सबने एक स्वर में पुरातन शैली के फुटबॉल से दूर रहने की बात कही। मुम्बई सिटी एफसी के कोच एलेक्सजेंडर गुइमाराएस ने कहा कि इस सीजन में उन्हें अलग शैली की फुटबॉल को आजमाते देखा जा सकता है।
बीते साल गुइमाराएस ने काफी काम्पैक्ट शैली की फुटबॉल के साथ अपनी टीम को आईएसएल तालिका में शीर्ष पर पहुंचाया था। इसके अलावा बेंगलुरू सिटी एफसी के कोच एल्बटरे रोक्का पहले ही हीरो आईलीग में प्रयोग की अपनी क्षमता को दर्शा चुके हैं। उनकी टीम पहली बार आईएसएल में खेल रही है।
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