इसके बाद केरल ने 13वें मिनट में एक और हमला किया। पेकुसन के शॉट को करनजीत
ने रोक दिया, लेकिन गेंद रीबाउंड होकर सीके विनीत के पास गई। विनीत ने शाट
लिया लेकिन उसे नकार दिया गया। केरला के सबसे बड़े स्टार दिमितार
बेबार्तोव ने 22वें मिनट में एक अच्छा मूव बनाते हुए बॉक्स के बाहर पहुंचे
विनीत को सुंदर पास दिया। ये भी पढ़ें - आपके फेवरेट क्रिकेटर और उनकी लग्जरी कारें....
विनीत ने पहले काल्डेरान को छकाया और फिर सेरेनो
को। इसके बाद विनीत ने एक जोरदार शाट लिया लेकिन गेंद पोस्ट टकराकर बाहर
चली गई। बेबार्तोव यही नहीं रुके, 31वें मिनट में उन्होंने एक और अच्छा
प्रयास किया, लेकिन धनपाल गणेश की चतुराई ने चेन्नई को पीछे जाने से बचा
लिया। जैकीचंद द्वारा बाएं छोर से लिए गए कॉर्नर पर गेंद डिफलेक्ट होकर
बेबार्तोव के पास गई थी।
लगातार कई हमले अपने खिलाफ होने के बाद चेन्नई ने
आखिरकार इंजरी टाइम के पहले मिनट में इस मैच का अब तक का सबसे अच्छा मौका
बनाया, लेकिन किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया। मिहेलिक ने अपने बाएं तेजी से
भाग रहे जेजे लालपेल्खुवा को एक स्क्वायर पास दिया, जिस पर जेजे ने तेज शॉट
लिया, लेकिन गेंद पोस्ट के बाएं किनारे से बाहर चली गई। जेजे ने यह
स्वर्णिम मौका हाथ से जाते ही सिर पकड़ लिया। इस तरह पहला हाफ गोलरहित
बराबरी पर समाप्त हुआ। दूसरे हाफ की शुरुआत काफी नाटकीय रही।
52वें मिनट
में जैरी द्वारा केरला के गुडजोन बाल्डविंसन को बाक्स में गिराने के कारण
चेन्नई के खिलाफ पेनल्टी का फैसला सुनाया गया। करेज पेकुसन ने 53वें मिनट
में पेनल्टी पर गेंद को नीचे से बाएं किनारे से पोस्ट में डालने का प्रयास
किया लेकिन करनजीत इस भांप चुके थे और इस तरह केरला के हाथ से गोल करने का
एक निश्चित मौका निकल गया। इसके बाद दोनों टीमों ने कुछ हल्के-फुल्के मौके
बनाए लेकिन 76वें मिनट में जैकीचंद सिंह और बाल्डविंसन ने एक खतरनाक मूव
मेजबान टीम के लिए बनाया।
जैकी के सटीक पास पर बाल्डविंसन ने पॉवरफुल शॉट
लिया, लेकिन करनजीत ने बेहतरीन बचाव किया। गेंद रीबाउंड होकर विनीत के पास
गई, लेकिन वह त्वरित कार्रवाई नहीं कर सके और इस तरह एक बार फिर उनके हाथ
से गोल करने का बेहतरीन मौका निकल गया। इसके जवाब में चेन्नई ने भी अगले ही
पल हमला बोला, लेकिन उसके गोलकीपर राच्बुका ने गाविलान के शॉट को डिफलेक्ट
कर बाहर कर दिया।
87वें मिनट में केरल के स्टार विनीत को पीला कार्ड मिला।
इंजरी टीइम में राच्बुका ने ग्रेगोरी नेल्सन के प्रयास को रोकते हुए केरल
को एक बार फिर गोल खाने से रोका। नेल्सन का यह प्रयास चेन्नई को अंतिम-4
में पहुंचा सकता था, लेकिन शायद यही इस का रोमांच था।
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