नई दिल्ली। अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) की तकनीकी समिति ने गुरुवार को इगोर स्टीमाक को भारतीय फुटबाल टीम के नए मुख्य कोच के तौर पर चुना और उनका नाम कार्यकारी समिति के पास मंजूरी के लिए भेजा, लेकिन सूत्रों की मानें तो समिति के सभी सदस्यों को क्रोएशिया के कोच की काबिलियत पर भरोसा नहीं था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हालांकि, अंत में स्टीमाक का नाम ही प्रस्तावित किया गया क्योंकि उनके आलोचक यह साबित नहीं कर पाए कि उनको कोच क्यों नहीं बनाया जाना चाहिए। श्याम थापा की अध्यक्षता वाली समिति ने यह कहते हुए स्टीमाक के अलावा किसी अन्य नाम को प्रस्तावित तक नहीं किया कि क्योंकि उसकी जरूरत तभी पड़ेगी जब एआईएफएफ और क्रोएशियाई कोच के बीच सहमति न बन पाए।
समिति के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, ‘‘स्टीमाक की सिफारिश की गई, लेकिन इससे पहले उनके कोचिंग करियर की सफलता दर पर कुछ गंभीर सवाल भी उठाए गए। कम से कम एक सदस्य ने क्रोएशियाई कोच पर टिप्पणी की और कहा कि वह तकनीकी रूप से सक्षम आदमी कम और पब्लिक रिलेशन एक्सपर्ट ज्यादा लगते हैं।’’
वहीं, सदस्य बैठक में अपने साथ विशेष रूप से तैयार किए गए दस्तावेज को लेकर आया, जिसमें साक्षात्कार के लिए चुने गए सभी चार कोचों की खूबियों और अवगुणों के बारे में विस्तार से लिखा हुआ था।
उन्होंने कहा कि एक कोच के रूप में स्टीमाक की सफलता दर पिछले कुछ वर्षों में 30 प्रतिशत रही है। हालांकि, क्रोएशियाई कोच ने समिति से कहा कि वह हमेशा से खुद को अंडरडॉग टीमों के साथ जोडऩा पसंद करते हैं इसलिए उनकी सफलता दर कम है। उन्हें चुनौतियां पसंद है और इसी कारण से उन्होंने भारत का कोच बनने के लिए आवेदन किया है।
स्टीमाक के पक्ष में यह बात रही कि उन्हें भारतीय खिलाडिय़ों के बारे में काफी जानकारी थी और वह क्रोएशिया की उस टीम का हिस्सा थे जो 1998 विश्व कप में तीसरे पायदान पर रही थी।
समिति के एक सदस्य ने कहा, ‘‘उनके पास 36 भारतीय खिलाडिय़ों की सूची थी और वह हर खिलाड़ी को उसकी पोजिशन से जानते थे। वास्तव में हमने पाया कि उन्हें प्रत्येक खिलाड़ी की ताकत और कमजोरियों के बारे में पता है। उन्हें यह भी पता था कि डिफेंडर अनस एडाथोडिका रिटायर हो चुके हैं और भारत को उस पोजिशन पर एक नए चेहरे की आवश्यकता है। हम वास्तव में उनके होमवर्क से काफी प्रभावित हुए।’’
सदस्य ने कहा, ‘‘इगोर को इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) और आई-लीग के बारे में पता है। उन्होंने कहा कि भारतीय फुटबाल को आगे ले जाने के लिए अच्छो स्काउटिंग की जरूरत है और यह आईएसएल और आई-लीग के जरिए किया जाएगा।’’
एक अन्य चीज जो स्टीमाक के पक्ष में रही, वो यह थी कि वे भारत के सपोर्ट स्टाफ के साथ काम करने के लिए तैयार थे जबकि एल्बर्ट रोका अपने पसंद का सहायक कोच लाना चाहते थे। भारत के पूर्व कप्तान एस.वेंकटेश अगले महीने होने वाले किंग्स कप के लिए टीम के सहायक कोच होंगे।
(आईएएनएस)
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