बर्लिन। फीफा विश्व कप में शुरुआती चरण से बाहर होने के बाद जर्मनी फुटबॉल टीम के कोच जोआकिम लो मीडिया और प्रशंसकों के निशाने पर बने हुए हैं और उन्हें लेकर बहस-मुबाहिसे का दौर जारी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी को अब नेशंस लीग में फीफा विश्व कप चैम्पियन फ्रांस और नीदरलैंड्स के खिलाफ मुकाबले खेलने हैं। लो को जल्द ही जर्मन टीम को वापस जीत की पटरी पर लाने के लिए एक ठोस रणनीति पेश करनी होगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लो का जर्मन टीम के साथ 2020 तक का करार है, लेकिन ऐसी चर्चाएं हैं कि इन दोनों मैच का नतीजा लो के भविष्य को तय कर सकता है। विश्व कप के खराब प्रदर्शन को देखते हुए उन पर अच्छे परिणाम देने का दबाव है। इसके अलावा उन्हें जर्मन टीम में नई समस्या को भी हल करना है। और, यह समस्या है अच्छे स्ट्राइकर के ना होने की। वर्ष 1954, 1974, 1990 और 2014 में खिताब जीत चुकी जर्मनी की टीम इस समय स्ट्राइकर के मामले में मुश्किल दौर से गुजर रही है।
रूस में विश्व कप के बाद लो ने माना था कि आधुनिक फुटबॉल स्ट्राइकर के बिना अधूरा है। लो ने राष्ट्रीय टीम के साथ काम करना शुरू कर दिया है जबकि अंडर-21 कोच स्टीफन कुंट्ज अच्छे युवा स्ट्राइकर की तलाश के लिए और अधिक प्रयास करने के लिए कह रहे हैं। पूर्व जर्मन स्ट्राइकर का कहना है कि आगे बढऩे के लिए जर्मन फुटबाल को परंपरागत मूल्यों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।
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