नई दिल्ली। वर्ष 1998 में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय करने वाली डेनमार्क फुटबॉल टीम को इस बार 14 जून से रूस में शुरू होने जा रहे फीफा विश्व कप में अपने स्टार मिडफील्डर क्रिस्टियन एरिक्सन से काफी उम्मीदें होंगी। फीफा रैंकिंग में 12वें नंबर पर मौजूद डेनमार्क ने 1986 में पहली बार विश्व कप में हिस्सा लिया था जहां वह अंतिम-16 तक पहुंची थी और नौंवें स्थान पर रही थी। टीम इसके बाद 1990 और 1994 में टूर्नामेंट में जगह नहीं बना पाई। लेकिन 1998 में उसने क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था, जो विश्व कप के इतिहास में उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कप्तान सिमोन काएर के नेतृत्व वाली डेनमार्क ने पिछले साल नवंबर में आयरलैंड को 5-1 से हराकर विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया है। क्वालीफाइंग दौर में वह पोलैंड के बाद दूसरे नंबर पर रही थी। टीम ने आयरलैंड के मुकाबले से पहले पांच मैचों में से चार में जीत दर्ज की थी। विश्व कप में डेनमार्क को फ्रांस, पेरू और ऑस्ट्रेलिया के साथ ग्रुप-सी में शामिल किया गया है। विश्व कप से पहले टीम को स्वीडन और मेक्सिको के साथ दोस्ताना मैच खेलने हैं।
कोच ओगे हेराइड की टीम के पास छह फुट और तीन इंच लंबे निकोलाई योर्गेंसन और एंड्रियास कॉर्नेलियस के रूप में ऐसे स्ट्राइकर मौजूद हैं जो आसानी से गेंद को अपने नियंत्रण में रख सकते हैं। इसके अलावा थोमस डेलने और विलियम क्वीस्त भी छह फुट लंबे खिलाड़ी हैं जिसका फायदा टीम को मिल सकता है।
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