उन्होंने कहा कि नकारात्मकता पैदा करके वे खुद के पैर पर गोली मार रहे हैं।
भारतीय फुटबॉल को अभी लंबा सफर तय करना है और सभी हितधारकों को इसे आगे
बढ़ाने के लिए मिलकर काम करना होगा। क्लबों को धैर्य रखना होगा। उन्होंने
माना कि एआईएफएफ ने मॉडल अपनाया है उसके तहत देश में एक टॉप लीग होगी
आईएसएल और फिर दूसरे स्तर की एक लीग होगी। दास ने कहा कि एक शीर्ष लीग होनी
है। ये भी पढ़ें - 35 साल की मैरी कॉम ने अब तक हासिल की ये उपलब्धियाँ....
उसके बाद सेकेंड टियर होगी। कुछ आई-लीग क्लब कह रहे हैं कि उन्हें
खत्म किया जा रहा है, लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है । जब राष्ट्रीय टीम
के सभी खिलाड़ी आईएसएल में खेल रहे हैं। आई-लीग क्लब भी खिलाडिय़ों को
विकसित कर रहे हैं। जॉबी जस्टिन और (माइकल) सूसाईराज इसके प्रमुख उदाहरण
हैं। वे अब आईएसएल में चले गए हैं। क्लबों के पास इन खिलाडिय़ों को विकसित
करके लाभ अर्जित करने की गुंजाइश है।
चार-पांच साल में करार से जुड़े
दायित्वों के (आईएसएल में) खत्म हो जाने के बाद रेलिगेशन/प्रमोशन हो सकता
है। उन्होंने कहा कि हमारे पास अभी ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है कि जब कोई टीम
रेलिगेट हो जाए तो उसे पैराशूट पेमेंट दिया जाए, जैसा कि प्रमुख यूरोपीय
लीगों में होता है। भारत में क्लबों के स्पॉन्सर होते हैं, उनके पास
निश्चित मात्रा में निवेश होता है, लेकिन यदि उन्हें रेलिगेट कर दिया जाए
तो स्पॉन्सर भाग जाएंगे। बदलाव लाने से पहले हमें उस अवस्था तक पहुंचना
होगा।
(IANS)
हार्दिक पांड्या पर लगा 12 लाख का जुर्माना
आशुतोष शर्मा की धुआंधार पारी के बावजूद मुंबई के खिलाफ पंजाब नौ रन से हारी
IPL 2024 : चेन्नई को रोकना होगी लखनऊ के लिए बड़ी चुनौती
Daily Horoscope