लंदन| यार्कशायर काउंटी क्रिकेट क्लब ने कहा है कि वह अजीम रफीक द्वारा लगाए गए नस्लवाद के आरोपों के खिलाफ स्वतंत्र जांच बैठाएगी। रफीक 2008 से 2018 के बीच यार्कशायर के लिए खेले थे। उन्होंने वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो को दिए हालिया इंटरव्यू में बताया है कि जो यातनाएं उन्होंने झेली उसके कारण वह आत्महत्या करने के बारे में सोच रहे थे और यह भी कहा कि उनके द्वारा नस्लवादी व्यवहार की शिकायतों को क्लब ने उस समय नजरअंदाज किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रफीक ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, "यार्कशायर सुनना नहीं चाहती थी और न ही बदलना चाहती थी। इसका एक हिस्सा यह है कि जो लोग इसमें शामिल थे जिनके बारे में मैं बात कर रहा हूं वो अभी भी क्लब में हैं। वह उन्हें पर्दे के पीछे छुपा देते हैं।
काउंटी के चेयरमैन रोजर हटन ने अब एक आधिकारिक बयान में कहा है, "इस तरह के आरोप बोर्ड में और यहां खेल रहे खिलाड़ियों के लिए काफी चिंताजनक हैं और हम रिपोर्ट को काफी गंभीरता से लेते हैं।"
उन्होंने कहा, "इस इस सप्ताह के सोमवार को क्लब ने फैसला किया है कि अजीम रफीक ने जो आरोप लगाए हैं उनको लेकर एक जांच बैठाई जाएगी। हम इस जांच का अंतिम रूप तैयार करने में लगे हुए हैं और हम बाहरी लोगों से इस जांच को कराने की कोशिश कर रहे हैं ताकि पूरी तरह से पारदर्शिता बनाई रखी जा सके।"
हटन ने कहा कि उन्होंने इस सप्ताह रफीक से उनका अनुभव जानने की कोशिश की और वह आगे भी इस सप्ताह उनसे इस तरह के संपर्क करते रहेंगे।
उन्होंने कहा, "एक खिलाड़ी और पूर्व कप्तान के तौर पर रफीक का काफी सम्मान करते हैं और क्लब में उनको काफी माना जाता है। रफीक एक गिफ्टेड गेंदबाज थे और अपनी टीम के सम्मानिय कप्तान, इसी कारण वह यार्कशायर की टी-20 टीम के पहले ब्रिटिश साउथ एशिया कप्तान बने थे और टीम के सबसे युवा कप्तान भी।"
--आईएएनएस
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