भारत को दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में वनडे सीरीजों में जो
जीत मिली उसमें इन दोनों का बहुत बड़ा रोल रहा है। यह दोनों मध्य के ओवरों
में काफी असरदार साबित रहे हैं। इंग्लैंड में विश्व कप के दूसरे हाफ में
गर्मी ज्यादा होगी और तब विकेट सूखे मिलेंगे जो स्पिनरों के मददगार होंगे।
वहां कुलदीप और चहल का रोल बढ़ जाएगा। इन दोनों के अलावा भारत के पास
रवींद्र जडेजा जैसा अनुभवी बाएं हाथ का स्पिनर भी है। ये भी पढ़ें - ब्रेट ली ने इस क्रिकेटर को बताया भारतीय गेंदबाजी का भविष्य
ऐसा नहीं है कि भारत
की बल्लेबाजी कमजोर है। टीम के पास कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, महेंद्र
सिंह धोनी जैसे दिग्गज है लेकिन कोहली के अलावा कोई भी बल्लेबाज निरंतर
अच्छा नहीं कर सका है। यहां तक की हालत यह रही है कि अगर भारत के शीर्ष-3
बल्लेबाजों में से कोई एक भी नहीं चला तब भारत को 280-300 रनों के लक्ष्य
को हासिल करना भी मुश्किल लगता है। बीते कुछ वर्षों में यह कई बार देखने को
मिला है।
हाल ही में भारत में ऑस्ट्रेलिया के साथ खेली गई वनडे सीरीज इस
स्थिति का ताजा उदाहरण है। यही इस विश्व कप में भारत की सबसे बड़ी चिंता है
कि अगर कोहली, रोहित या धवन में से कोई एक भी नहीं चला तो टीम को संभालेगा
कौन? अंत में हालांकि धोनी हैं लेकिन वह अब उस तरह के धुआंधार बल्लेबाज
नहीं रहे हैं जैसे हुआ करते थे लेकिन अभी भी मैच पलटने का माद्दा रखते हैं,
बशर्ते दूसरे छोर से उन्हें समर्थन मिले। एक और चिंता जो भारत को अभी तक
खा रही है वह है नंबर-4 पर बल्लेबाजी की।
इसके लिए चयनकर्ताओं ने शंकर को
चुना है लेकिन कोहली और शास्त्री दोनों कह चुके हैं कि नंबर-4 के पास उनके
लिए कई विकल्प हैं। अब देखना होगा कि कौन यहां खेलता है। केदार जाधव, दिनेश
कार्तिक को पहले भी इस क्रम पर आजमाया जा चुका है और यह दोनों विश्व कप
टीम में भी चुने गए हैं। जाधव में वो दम है कि वह इस नंबर पर मिलने वाली
जिम्मेदारी को निभा सकें। कोहली पहली बार विश्व कप में कप्तानी कर रहे हैं।
वहीं इंग्लैंड में यह तीसरा मौका होगा जब वे टीम की कमान संभालेंगे। इससे
पहले 2017 में चैम्पियंस ट्रॉफी में और उसके बाद बीते साल इंग्लैंड के दौरे
पर वे कप्तानी कर चुके हैं। इन दोनों मौकों से उन्होंने काफी कुछ सीखा
होगा जो विश्व कप में वह शामिल करना चाहेंगे। नेतृत्व में कोहली की सबसे
बड़ी ताकत धोनी का होना है।
धोनी के पास दो वनडे विश्व कप और छह टी20 विश्व
कप में कप्तानी का विशाल अनुभव है। उनके नाम दोनों प्रारूप में एक-एक
विश्व कप जीत है। धोनी को हमेशा कोहली की मदद करते देखा गया है। इस विश्व
कप में बेशक धोनी कप्तान नहीं हों लेकिन कोहली के लिए वही सारथी का काम कर
सकते हैं जो काम कृष्ण ने महाभारत में अर्जुन के लिए किया था।
टीम :
विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा (उप-कप्तान), शिखर धवन, लोकेश राहुल,
केदार जाधव, महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), हार्दिक पांड्या, भुवनेश्वर
कुमार, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, दिनेश
कार्तिक (विकेटकीपर), विजय शंकर, रवींद्र जडेजा।
जूनियर वर्ल्ड कप शूटिंग में धनुष श्रीकांत ने भारत के लिए तीसरा गोल्ड जीता
फ्रेंच ओपन : जोकोविच पहुंचे क्वार्टर फाइनल में, अल्कराज भी जीते
इब्राहिमोविच ने की फुटबॉल से संन्यास की घोषणा
Daily Horoscope