नई दिल्ली। दो दशक के इतिहास में यह शायद पहला मौका होगा जब श्रीलंका की टीम आईसीसी विश्व कप में कमजोर टीम के तौर पर गिनी जा रही है। 1996 में खिताब जीतने वाली यह टीम विश्व कप में निरंतर अच्छा करती आई है लेकिन इस बार उससे चमत्कारिक प्रदर्शन की उम्मीद शायद ही किसी को हो। वहीं दूसरी तरफ एक ऐसी टीम है जो वक्त के साथ विश्व पटल पर अपने आप को मजबूत करती जा रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बांग्लादेश को अब पहले की तरह कोई भी टीम हल्के में नहीं लेती क्योंकि सभी टीमें जानती हैं कि यह टीम उलटफेर करने का दम रखती है। हालांकि, टीम खिताब के दावेदारों में नहीं गिनी जा रही है। दोनों की कहानियां दिलचस्प हैं और इस विश्व कप में दोनों के लिए अपने आपको साबित करने का सवाल है। श्रीलंका के सामने चुनौती अपनी पुरानी छवि को पुनर्जीवित करनी की है तो बांग्लादेश को यह बताना है कि वह पहले से और मजबूत हुई है।
कुमार संगकारा, महेला जयवर्धने, तिलकरत्ने दिलशान, मुथैया मुरलीधरन जैसे दिग्गजों के जाने के बाद श्रीलंका की टीम वो नहीं रही जो हुआ करती थी। इन सभी के जाने के बाद टीम में कभी भी स्थिरता नहीं देखी गई और न ही वो खिलाड़ी इस टीम को मिले जो इसके आगे ले जाएं। हालत यहां तक बिगड़ी कि जिम्बाब्वे ने श्रीलंका को उसके घर में आकर वनडे सीरीज में पटखनी दी। स्थिति अभी भी नहीं सुधरी है।
टीम के नेतृत्व में लगातार बदलाव, टीम चयन में एकरूपता न होना, खिलाडिय़ों का लगातार टीम से अंदर-बाहर होना, यह ऐसी चीजें रहीं हैं जिसने श्रीलंका को कभी भी वापसी की राह पर आने नहीं दिया। विश्व कप में टीम की कमान एक ऐसे खिलाड़ी के पास है जो चार साल बाद वनडे खेल रहा है। श्रीलंका ने दिमुथ करुणारत्ने को टीम का कप्तान बनाकर इंग्लैंड भेजा है। हाल ही में करुणारत्ने ने स्कॉटलैंड के खिलाफ वनडे मैच खेला था लेकिन इससे पहले उन्होंने अपना आखिरी वनडे एक मार्च 2015 में वेलिंग्टन में खेला था।
अब दिमुथ क्या कमाल दिखा पाते हैं, यह तो वक्त ही बताएगा। बल्लेबाजी में टीम के पास करुणारत्ने के अलावा कुशल मेंडिस और अनुभवी एंजेलो मैथ्यूज ऐसे नाम हैं जो अच्छा कर सकते हैं। वहीं गेंदबाजी में टीम के पास लसिथ मलिंगा का अनुभव है। मलिंगा ने हाल ही में आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए खेलते हुए अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन वनडे में मलिंगा कितने कारगर साबित होंगे, यह टूर्नामेंट में ही पता चलेगा।
मलिंगा के अलावा थिसारा परेरा के पास भी अनुभव है जो श्रीलंका के काम आ सकता है लेकिन मैथ्यूज, मलिंगा और परेरा के अनुभव के दम पर श्रीलंका कमाल नहीं कर सकता और इसलिए बाकी के युवाओं को भी साथ आना होगा और दम दिखाना होगा।
बांग्लादेश के तेज गेंदबाज शोरफुल चोट के कारण श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज से बाहर
हॉकी इंडिया ने बेल्जियम और नीदरलैंड में होने वाले मैचों के लिए टीम की घोषणा की
उमरान में शोएब अख्तर का रिकॉर्ड तोड़ने की क्षमता : परवेज रसूल
Daily Horoscope