नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग का कहना है कि वर्ष 2007 में शुरू हुई इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा लगाया गया प्रतिबंध गलत था। उन्होंने यह बात राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को इंडो इंटरनेशनल प्रीमियर कबड्डी लीग (आईपीकेएल) के लॉन्च के मौके पर कही। सहवाग ने साथ ही कहा कि लीग चाहे कोई भी हो उसमें खेलने वाले खिलाडिय़ों पर प्रतिबंध लगाना गलत है। सहवाग ने यह बात आईपीकेएल में हिस्सा लेने वाले खिलाडिय़ों पर प्रतिबंध लगने की संभावना के संबंध में कही। भारत में कबड्डी के दो राष्ट्रीय महासंघ काम कर रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एक है भारतीय एमेच्योर कबड्डी महासंघ (एकेएएफआई) और दूसरा है राष्ट्रीय कबड्डी महासंघ (एनकेएफ)। एकेएफआई को भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) से मान्यता प्राप्त है। हालांकि एकेएफआई की मान्यता को लेकर कई तरह के केस अदालत में हैं और इसे लेकर विवाद भी चल रहा है। ऐसे में जब सहवाग से पूछा गया कि दो संघों की मान्यता को लेकर चल रहे विवाद में अक्सर खिलाडिय़ों का नुकसान होता है और खिलाडिय़ों पर भी प्रतिबंध का डर रहता है तो सहवाग ने कहा कि खिलाडिय़ों के ऊपर बैन नहीं लगना चाहिए।
यह खेल मंत्रालय फैसला लेगा कि किसे मान्यता मिले। अगर खिलाड़ी यह लीग खेल रहे हैं तो चयनकर्ताओं के लिए खिलाडिय़ों को चुनना आसान हो जाता है। बैन करने से खिलाडिय़ों का नुकसान है क्योंकि वह खेल नहीं पाएगा और इससे अच्छा है कि वह लगातार खेले क्योंकि खिलाड़ी खेलेगा तभी सुधार करेगा। उनके इस जवाब पर जब उनसे पूछा गया कि क्या आईसीएल पर प्रतिबंध गलत था तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था।
सहवाग ने आईसीएल के संदर्भ में कहा, आईसीएल पर लगा प्रतिबंध बाद में हट गया था लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए था। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आईसीएल को मान्यता नहीं दी थी और इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही इसमें खेलने वाले खिलाडिय़ों पर भी प्रतिबंध लगाया था। हालांकि बाद में लीग खत्म हो गई थी और बीसीसीआई ने उस पर से प्रतिबंध भी हटा लिया था। इस लीग की खास बात यह है कि इसके रेवेन्यू का 20 फीसदी हिस्सा खिलाडिय़ों को मिलेगा।
सहवाग ने कहा कि यह खिलाडिय़ों के लिए अच्छी बात है क्योंकि क्रिकेट में पूर्व खिलाडिय़ों ने 2002 में इसी तरह की लड़ाई लड़ी थी और इसी कारण आज के खिलाडिय़ों को फायदा होता है। सहवाग ने कहा, यह अहम है। आप नीलामी में जाते हो तो हो सकता है कि आपको ज्यादा पैसा ना मिले। लेकिन यह रेवन्यू शेयर है जो सभी को मिलेगा।
20 फीसदी हिस्सा सभी खिलाडिय़ों में बराबर बंटेगा। तो यह एक परमानेंट इनकम हो जाती है। क्रिकेट में तो हमने देखा कि हमने लड़ाई लड़ी थी तब जा के हमें बीसीसीसीआई से 26 फीसदी मिलना शुरू हुआ, लेकिन किसी और खेल में ऐसा नहीं है। तो यह कबड्डी के लिए अच्छी बात है। शायद इसी कॉनसेप्ट को और खेल भी उठाएं और इसे अपना हिस्सा बनाएं।
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