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हंसमुख और मजाकिया भी हैं बल्ले से हल्ला बोलने वाले तेवतिया

Tewatiya who speaks with the bat is cheerful and funny too - Cricket News in Hindi

नई दिल्ली| वकील कृष्ण पाल तेवतिया को कभी भी एक दिन में इतने फोन कॉल्स नहीं आए थे, जितने कि सोमवार को आए। और कभी भी दिल्ली से सटे फरीदाबाद के सेक्टर-8 स्थित सिही गांव में उनके घर पर इतने अनजान लोग नहीं आए थे, जितने कि सोमवार को आए। इसका कारण था उनका बेटा और आईपीएल के नए स्टार राहुल तेवतिया, जो रविवार रात शारजाह में आईपीएल-13 के एक मैच में उस समय काफी सुर्खियों में आ गए जब उन्होंने बल्ले से एक विस्फोटक पारी खेलकर राजस्थान रॉयल्स के लिए एक शानदार जीत तय की।

27 वर्षीय तेवतिया को आमतौर पर एक लेग स्पिनर के रूप में जाना जाता है लेकिन रविवार रात किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ वह एक अलग ही रूप में मैदान पर उतरे, जब उन्होंने 31 गेंदों पर 53 रनों की विस्फोटक पारी खेलकर राजस्थान को ऐतिहासिक जीत दिला दी। तेवतिया ने नंबर-4 पर बल्लेबाजी करते हुए सात छक्के लगाए।

तेवतिया उस समय आउट हुए जब राजस्थान को जीत के लिए केवल दो ही रन बनाने थे और अपनी इस पारी के बाद उन्होंने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा।

तेवतिया की इस असाधारण बल्लेबाजी का जश्न न केवल राजस्थान रॉयल्स के ड्रेसिंग रूम में मनाया गया बल्कि शारजाह से तकरीबन सवा दो हजार किलोमीटर दूर उनके गांव सिही में भी खूब जश्न मनाया गया। बेटे की इस शानदार और साहसिक पारी के लिए कृष्ण पाल को खूब बधाईयां मिल रही हैं।

राहुल तेवतिया के पिता कृष्ण पाल तेवतिया ने आईएएनएस से कहा, "उन्होंने मुझसे कहा कि राहुल न केवल मेरे बेटे हैं बल्कि गांव के बेटे हैं। रविवार को मैं कई लोगों से मिला और कई सारे लोगों से फोन पर बात किया। इससे मुझे सिरदर्द होने लगा। मैं करीब 400 लोगों से मिला, जो मेरे घर आए थे और मैंने हजारों लोगों से फोन पर बात की। सभी राहुल के प्रदर्शन को लेकर मुझे बधाई दे रहे थे। मैं बहुत खुश हूं।"

तेवतिया ग्रुप स्तर पर और रणजी ट्रॉफी में हरियाणा का प्रतिनिधित्व करने के अलावा आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब और दिल्ली कैपिटल्स के लिए भी खेल चुके हैं।

वह राजस्थान रॉयल्स के लिए दूसरी बार खेल रहे हैं। लेकिन किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ खेली गई उनकी पारी ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि तेवतिया लेग स्पिनर हैं या विस्फोटक बल्लेबाज ?

तेवतिया को विश्व स्तर पर एक नई पहचान दिलाने में कृष्ण पाल के छोटे भाई धरमवीर के एक मित्र का दिया गया आकस्मिक सुझाव भी अहम था। कृष्ण पाल ने कहा कि तेवतिया का गांव से दुनिया का एक नया स्टार बनने के पीछे दो लोगों की अहम भूमिका रही है।

कृष्ण पाल ने कहा, "राहुल जब बच्चा था तो वह प्लास्टिक के बैट और बॉल से खेलता था और धर्मवीर के एक दोस्त मुकेश ने राहुल के अंदर की प्रतिभा को पहचाना था। मुकेश उन लोगों में से थे, जिन्होंने सबसे पहले यह सुझाव दिया था कि हमें राहुल को क्रिकेट में डालना चाहिए। मुकेश के अलावा भी एक व्यक्ति थे, जिन्होंने राहुल के करियर में अहम भूमिका निभाई और वह थे-पूर्व भारतीय विकेटकीपर विजय यादव।"

एक बार जब परिवार मान गया तो कृष्ण पाल ने राहुल से अपनी मोटरसाइकिल पर बैठने को कहा और फिर उन्हें पूर्व भारतीय विकेटकीपर विजय यादव के क्रिकेट अकादमी-क्रिकेट गुरूकुल लेकर गए। राहुल उस समय (करीब 2000-01 के आसपास) आठ साल के थे और उस समय उनकी क्रिकेट यात्रा शुरू हुई थी।

विजय यादव ने आईएएनएस से कहा, "जब वह मेरे पास आए तो वह पहले से ही लेग-स्पिन गेंदबाजी कर रहे थे और वह एक अच्छे बल्लेबाज भी थे। सबसे महत्वपूर्ण बात जो मैंने तुरंत देखी, वह थी उनकी उत्सुकता और खेलने की इच्छा। उनके पास 100 प्रतिशत सकारात्मक रवैया था, जोकि अभी भी है। वह गेंद या बल्ले को पकड़ लेते और बड़े ही आत्मविश्वास से कहते थे कि मुझे ऊपर बल्लेबाजी करने के लिए भेजो, वह मुझे मैच जिताएगा। साथ ही वह गेंदबाजी के लिए भी कहते थे ताकि वह विपक्षी बल्लेबाज को आउट कर सके।"

हरियाणा के पूर्व कप्तान विजय यादव ने आगे कहा, "उनका खेल छोटे प्रारूपों के अनुकूल है। वह हमेशा बल्लेबाजी में अच्छे थे। मैं हमेशा उन्हें अपनी बल्लेबाजी पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए कहूंगा क्योंकि छोटे प्रारूपों में एक बल्लेबाज एक ऑलराउंडर भी हो तो अंतिम एकादश में जगह बनाना आसान हो जाता है। राहुल में नेतृत्व के गुण भी हैं, और उन्होंने स्थानीय मैचों में भी इसे दिखाया है कि वे खेलेंगे।"

तेवतिया ने अंडर-15, अंडर-19 और अंडर-22 टूर्नामेंट में हरियाणा का प्रतिनिधित्व किया था, लेकिन रणजी ट्रॉफी में जगह बनाना उनके मुश्किल था।

यादव ने कहा, " हरियाणा में उस समय पहले से ही तीन लेग लेग स्पिनर थे-अमित मिश्रा, युजवेंद्र चहल और जयंत यादव। इसलिए, राहुल के लिए रणजी टीम में शामिल होना मुश्किल था और इस वजह से उनके पिता भी थोड़े दुखी हो गए थे।"

इसके बाद 2018 में आईपीएल की नीलामी हुई और इसने तेवतिया के जीवन को बदल दिया। तब तक उन्होंने 17 मैचों में केवल 13 विकेट लिए थे। 20 लाख रुपये के आधार मूल्य के साथ उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स ने अप्रत्याशित रूप से तीन करोड़ रुपये में अपनी टीम में शामिल कर लिया था।

कृष्ण पाल ने जोर देकर कहा कि बेटे की जिंदगी बदलने के बावजूद उनके परिवार के सदस्यों के जीवन में कुछ बदलाव नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा, "हमारी जीवन शैली अभी भी वही है। हम बिल्कुल भी नहीं बदले हैं। मैं अपनी छोटी रेवा कार से खुश हूं।"

यह पूछे जाने पर कि क्या उनके बेटे ने नई कार खरीदी है? कृष्ण पाल ने कहा, "नहीं। वास्तव में, मैंने उन्हें एक टोयोटा कोरोला कार दी है और मैं अभी भी इसके लिए किस्तें भर रहा हूं।"

- -आईएएनएस

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Web Title-Tewatiya who speaks with the bat is cheerful and funny too
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