सहवाग ने इसके जवाब में कहा, ‘‘विक्रम ने मुझसे बात जरूर की थी लेकिन तब जब
मैं टीम से बाहर हो चुका था। टीम में से हटाए जाने से पहले अगर वो मुझसे
बात करते तो इसका मतलब होता। खिलाड़ी को बाहर करने के बाद उससे बात करने का
कोई मतलब नहीं है। अगर प्रसाद इस समय धोनी को बाहर कर दें और फिर उनसे बात
करेंगे तो धोनी क्या कहेंगे, यही कि वह घरेलू क्रिकेट खेलेंगे और अगर वहां
अच्छा कर पाए तो फिर उन्हें टीम में चुन लेना चाहिए। बात यह है कि
चयनकर्ताओं को खिलाड़ी से बात तब करनी चाहिए जब वह टीम से हटाया गया नहीं
हो।’’ ये भी पढ़ें - ‘इसके बाद मेरी तबीयत बिगड़ गई, मेरे पेट में कुछ होने लगा’
(आईएएनएस)
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