नई दिल्ली। इसी साल जकार्ता में खेले गए एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारत की महिला बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल ने कहा है कि उस दौरान पारुपल्ली कश्यप ने उनकी काफी मदद की थी। सायना ने कहा कि कश्यप चोटिल थे, लेकिन फिर भी वे अभ्यास के दौरान कोर्ट पर आते थे और उनकी मदद भी करते थे। सायना ने माना कि कश्यप कई बार उन पर चिल्लाते भी थे। हाल ही में सायना और कश्यप परिणय सूत्र में बंधे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सायना अपनी शादी के बाद पहली बार प्रीमियर बैडमिंटन लीग (पीबीएल) में खेलती नजर आ रही हैं। सायना ने समाचार चैनल न्यूज-18 के साथ बातचीत में एशियाई खेलों के दौरान कोच पुलेला गोपीचंद और अपने पति कश्यप के योगदान के बारे में बात की। सायना ने कहा कि मेरा मानना है कि गोपी सर काफी शांत हैं। वे चिल्लाते हैं, लेकिन यह हर दिन नहीं होता है। हम जब अच्छा करते हैं तो वे खुश होते हैं।
एशियाई खेलों के दौरान कश्यप चोटिल थे लेकिन वे मुझे हारते हुए नहीं देख सकते थे। उन्हें लगा था कि लय बदल सकती है और मैच के परिणाम भी। मैंने उन्हें चोटिल होने के बाद भी स्टेडियम में आते देखा। सायना ने कहा, उन्हें पीठ में चोट लगी थी और छह सप्ताह तक आराम करना था। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं तुम्हें इस तरह से देखूं इससे अच्छा है कि मैं यहां आकर तुम्हारी मदद करूं। मैंने कहा कि एक पुरुष खिलाड़ी मेरी मदद करे, तो यह अच्छा है।
वे दो सप्ताह बहुत अलग थे। मैंने कभी किसी को अपने ऊपर इस तरह से चिल्लाते नहीं देखा। सायना ने जीत के लिए गोपीचंद का भी शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, जाहिर सी बात है कि गोपी सर ने काफी मदद की। वे हर सत्र के बाद मुझसे बात कर रहे थे। पूरी टीम के संयुक्त प्रयास से हम एशियाई खेलों में पदक जीत सके। मेरे लिए यह बड़ी बात थी क्योंकि मेरे पास एशियाई खेलों का कोई पदक नहीं था। सायना को एशियाई खेलों में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था।
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