नई दिल्ली। दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का कहना है कि वे अपने जीवन पर बन रही फिल्म सचिन : ए बिलियन ड्रीम्स के जरिए वो संदेश देना चाहते हैं जो उनके माता-पिता ने उन्हें दिया था। सचिन के मुताबिक वे अपने बच्चों को अपनी मर्जी के मुताबिक सपने जीने की स्वतंत्रता देना चाहते हैं। सचिन के दो बच्चे अर्जुन (बेटा) और सारा (बेटी) हैं। सचिन ने आईएएनएस से हुई बातचीत में बताया कि उनकी सफलता का एक बड़ा कारण उनके माता-पिता द्वारा उन्हें सपने जीने और उन्हें सच करने की स्वतंत्रता देना भी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने बिना उम्मीद किए उन्हें अपने तरीके से सपने के पीछे भागने की स्वतंत्रता दी। सचिन ने कहा, मेरे पिता ने मुझे मेरा पसंदीदा खेल खेलने की स्वतंत्रता दी। यह स्वतंत्रता बिना किसी उम्मीद के थी। उनकी मुझसे बस एक उम्मीद थी कि मैं जो भी खेल खेलूं जो भी पेशा चुनूं उसमें शॉर्टकट्स न ढूंढू और अपना सर्वश्रेष्ठ दूं..परिणाम अपने आप आएंगे।
सचिन ने कहा, उन्होंने मुझसे कहा था कि शॉर्टकट्स से हासिल की गई सफलता ज्यादा देर तक नहीं रहती। लेकिन अगर आप सही रास्ता चुनते हैं तो इससे अलग तरह की संतुष्टि मिलेगी और वो तुम्हारे साथ लंबे समय तक रहेगी। अपने पिता की इस बात को सचिन ने तब याद किया जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया।
क्रिकेट में भगवान का दर्जा पा चुके सचिन की विदाई क्रिकेट जगत में लंबे समय तक याद रहने वाला पल है। पूरा हिंदुस्तान ही नहीं उनकी विदाई पर पूरा क्रिकेट जगत अपने पांव पर खड़ा हो गया था और विपक्षी वेस्टइंडीज की टीम के खिलाड़ी भी भावुक हो गए थे।
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