सेमीफाइनल समाप्त होने के बाद वह 65 विकेट हासिल कर चुके थे जोकि रणजी
ट्रॉफी के किसी एक सीजन में किसी भी तेज गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
रहा। उन्होंने इस मामले में डोडा गणेश के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। पूर्व
तेज गेंदबाज डोडा ने 1998-99 के रणजी ट्रॉफी सीजन में सबसे ज्यादा 62
विकेट लिए थे। उनादकत ने साथ ही रणजी ट्रॉफी के किसी एक सीजन में किसी भी
गेंदबाज द्वारा लिए गए सबसे ज्यादा विकेट के पूर्व लेफ्ट आर्म स्पिनर बिशन
सिंह बेदी (64 विकेट) के रिकॉर्ड को तोड़ा था। ये भी पढ़ें - चेज मास्टर के रूप में उभरे कोहली, रिकार्ड बुक में लिखा नए सिरे से अध्याय
उनादकत के इस बेहतरीन
प्रदर्शन के दम पर ही सौराष्ट्र ने अपना पहला रणजी ट्रॉफी खिताब जीता।
उनादकत के बाद अगर किसी गेंदबाज ने अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया तो
वह रहे संजय यादव। मेघालय की ओर से खेलने वाले यादव ने सीजन के नौ मैचों
की 15 पारियों में 12.65 के औसत से कुल 55 विकेट अपने नाम किए। इस दौरान
उन्होंने पांच बार पांच या उससे ज्यादा जबकि तीन बार 10 या उससे ज्यादा का
विकेट लेने का कारनामा किया।
यादव की टीम मेघालय हालांकि नॉकआउट में नहीं
पहुंच सकी। टीम ने नौ मैचों में पांच जीते और तीन ड्रॉ भी खेले। हरियाणा के
हार्विक पटेल भी टीम से इतर बेहतरीन प्रदर्शन करने में सफल रहे। तेज
गेंदबाज हार्विक ने नौ मैचों की 17 पारियों में 14.48 की औसत से 52 विकेट
हासिल किए।
हार्विक ने इस सीजन में चार बार पांच या उससे ज्यादा जबकि एक
बार 10 या उससे ज्यादा विकेट लेने का कीर्तिमान स्थापित किया। इन तीनों
गेंदबाजों के अलावा सर्विसेज के दिवेश पठानिया नौ मैचों में 50 विकेट के
साथ चौथे और त्रिपुरा के मणिशंकर मुरासिंह नौ मैचों में 49 विकेट के साथ
पांचवें नंबर पर रहे।
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