मेलबर्न । ऑस्ट्रेलिया ए के ख़िलाफ़ दूसरे अनाधिकृत टेस्ट मैच के पहले दिन इंडिया ए के बल्लेबाज़ ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ माइकल नीसर (चार विकेट) के सामने बेबस नज़र आए और उनकी पारी 57.1 ओवरों में सिर्फ़ 161 रनों पर सिमट गई। विकेटकीपर बल्लेबाज़ ध्रुव जुरेल को छोड़कर उन सभी खिलाड़ियों ने निराश किया जो कि पर्थ में खेले जाने वाले पहले बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी टेस्ट के भारतीय एकादश में जगह बनाने के दावेदार हैं।
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भारतीय कप्तान रोहित शर्मा व्यक्तिगत कारणों से पहले टेस्ट में अनुपस्थित रह सकते हैं, इसलिए भारतीय टीम प्रबंधन को यशस्वी जायसवाल के लिए एक सलामी जोड़ीदार की तलाश है। इसी को देखते हुए इस मैच के लिए केएल राहुल को पहले ही ऑस्ट्रेलिया भेज दिया गया था और उन्होंने इस मैच में ओपनिंग की। हालांकि वह मैच के दूसरे ओवर में ही स्कॉट बोलैंड की एक बाहर निकलती फ़ुल गेंद को ब्लॉक करने के प्रयास में विकेट के पीछे कैच दे बैठे और सिर्फ़ चार रन बनाकर आउट हुए। न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ सीरीज़ में राहुल सिर्फ़ एक मैच खेल पाए थे और ख़राब फ़ॉर्म के कारण टीम से बाहर हो गए थे। राहुल को ओपनिंग कराने का प्रयोग पहली पारी में असफल रहा, जो कि भारतीय टीम प्रबंधन के लिए निश्चित रूप से चिंता का विषय होगा।
रोहित शर्मा की जगह लेने के एक और सलामी दावेदार अभिमन्यु ईश्वरन ने भी अब तक ऑस्ट्रेलिया ए के दौरे पर निराश किया है। भारत के घरेलू सीज़न में लगातार चार मैचों में चार शतक बनाकर आ रहे अभिमन्यु पारी की तीसरी ही गेंद पर नीसर की उछाल भरी शॉर्ट ऑफ़ लेंथ गेंद को खेल नहीं पाए और गली में शून्य के स्कोर पर कैच थमा बैठे। पहले अनाधिकृत टेस्ट में भी अभिमन्यु का प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं था और वह 7 और 12 के स्कोर पर पवेलियन वापस लौट गए थे। वहां अभिमन्यु ऑफ़ स्टंप के चैनल से बाहर निकलती गुड लेंथ गेंदों पर बेबस नज़र आए थे।
पर्थ की तेज़ पिच पर यह संभव है कि भारतीय टीम तीन तेज़ गेंदबाज़ों के साथ-साथ एक तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर के साथ जाए। बाहर के टेस्ट मैचों में पिछले कुछ सालों में शार्दुल ठाकुर यह ज़िम्मेदारी निभाते आए हैं, लेकिन चयनकर्ताओं ने इस बार युवा नितीश कुमार रेड्डी को मौक़ा दिया है। हालांकि रेड्डी भी अब तक ऑस्ट्रेलिया ए के ख़िलाफ़ इस सीरीज़ में कुछ ख़ास नहीं कर पाए हैं। पिछले मैच में रेड्डी ने 0 और 17 का स्कोर बनाया था, जबकि दोनों पारियों में गेंदबाज़ी करने के बाद उन्हें सिर्फ़ एक विकेट मिला था। वह मैके में उछाल भरी शॉर्ट पिच गेंदों से परेशान हुए थे।
हालांकि मेलबर्न के दूसरे अनाधिकृत टेस्ट में वह बेहद ही अज़ीबो-ग़रीब शॉट खेलकर अपना विकेट खो बैठे। जब वह बल्लेबाज़ी के लिए आए थे तो भारतीय टीम 64 रन पर 5 विकेट खोकर संघर्ष कर रही थी। रेड्डी (16) ने जुरेल के साथ छठे विकेट के लिए 39 रन की साझेदारी कर भारतीय पारी को उबारने की कोशिश की, लेकिन जब वह टिकते हुए नज़र आ रहे थे, तभी बो वेबस्टर की एक बाहर निकलती गुड लेंथ गेंद पर उन्होंने चहलक़दमी की और विकेट के पीछे कैच दे बैठे।
हालांकि दो दिन पहले ही इस टीम से जुड़ने वाले जुरेल ने 80 रन बनाकर ज़रूर एक उम्मीद की किरण दी है। लगातार गिर रही विकेटों के बीच उन्होंने एक छोर संभाले रखा और इंडिया ए को पहले 100 और फिर 150 के पार पहुंचाया। जुरेल की186 गेंदों की संयम भारी पारी में 6 बेहतरीन चौके और 2 छक्के शामिल थे और वह नौवें विकेट के रूप में आउट हुए।
ऋषभ पंत की शानदार फ़ॉर्म को देखते हुए जुरेल का एक विकेटकीपर के रूप में भारतीय एकादश में शामिल होना बहुत मुश्किल लगता है, लेकिन उन्होंने अपनी इस पारी से एक विशुद्ध बल्लेबाज़ के रूप में टीम में शामिल होने का दावा पेश किया है। राहुल, ईश्वरन और सरफ़राज़ ख़ान के ख़राब फ़ॉर्म को देखते हुए मध्यक्रम की इस संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता है, हालांकि भारतीय टीम अभी भी सलामी बल्लेबाज़ के रूप में रोहित के विकल्प को तलाशने की कोशिश कर रही होगी।
--आईएएनएस
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