नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) कार्यकारियों ने फैसला किया है कि बोर्ड की टाइटल स्पोंसर (Title Sponsor) के लिए टेंडर प्रक्रिया 29 जुलाई को शुरू होगी और यह एम जंक्शन के साथ मिलकर आयोजित की जाएगी, लेकिन बोर्ड के अधिकारी इससे खुश नहीं हैं कि नीलामी प्रक्रिया के आवेदन ऑनलाइन खरीदी और दाखिल की जाएगी और ई-नीलामी तभी होगी जब इसकी जरूरत होगी। अधिकारियों का मानना है कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने कहा है कि ई-नीलामी की जो प्रक्रिया मीडिया राइट्स के समय लागू की गई थी उसमें अचानक से बदलाव लोढ़ा समिति के प्रस्ताव के खिलाफ है। अधिकारी ने कहा, लोढ़ा समिति ने जो पहली चीज प्रस्तावित की थी वो पारदर्शिता थी। और अब सीओए की आंख के नीचे यह सब हो रहा है जो पूर्व में सीएजी रह चुके हैं। हमें इस पर विश्वास करना मुश्किल हो रहा है क्योंकि भारतीय क्रिकेट के मीडिया राइट्स की नीलामी के समय जो ई-नीलामी प्रक्रिया का पालन किया गया था वो अलग थी। इस प्रक्रिया में बदलाव क्यों?
अधिकारी ने कहा, तो अब आपका कहना यह है कि पहले वित्तीय नीलामी की जाएगी और फिर अगर जरूर पड़ी तो ई-नीलामी की जाएगी। इस प्रक्रिया पर शक होना स्वाभविक है। यह हैरान करने वाली बात है कि प्रक्रिया अचानक से बदल दी गई और इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं दी गई। मुझे उम्मीद है कि कोई किसी को फायदा पहुंचाने के बारे में नहीं सोच रहा होगा। यहां सीधे ई-नीलामी होनी चाहिए थी।
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