उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार के ऊपर है जिसे दर्शकों का प्रबंधन करना है
और उनके पास इसे रोकने के लिए महामारी रोग अधिनियम (1897 की महामारी
अधिनियम) के तहत शक्ति प्राप्त है। यदि इसे (टूर्नामेंट को) टाला नहीं जा
सकता है तो इसे दर्शकों के बिना ही बंद दरवाजों के बीच आयोजित करना चाहिए।
सरकार के इस निर्देश के बाद अब यह साफ है कि बीसीसीआई अगर आईपीएल का आयोजन
करता है, तो उसे इसे बंद दरवाजों के बीच कराना होगा। ये भी पढ़ें - चेज मास्टर के रूप में उभरे कोहली, रिकार्ड बुक में लिखा नए सिरे से अध्याय
इस मामले में जब
बीसीसीआई अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें भी सरकार
के फैसले का पालन करने की जरूरत है। अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि बीसीसीआई
खेल, अपने खिलाडिय़ों, प्रशंसकों और लीग के हित में सर्वश्रेष्ठ संभव कदम
उठाएगा। परिस्थितियां तेजी से बदल रही है और बोर्ड का वास्तव में इस स्थिति
पर नियंत्रण नहीं है। आईपीएल कार्यकारी परिषद की मुंबई में शनिवार को बैठक
होनी है। उस बैठक में परिषद को केंद्र सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों को
ध्यान में रखते हुए एक फैसला करना है।
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