नई दिल्ली। बाएं हाथ के हरफनमौला भारतीय खिलाड़ी पवन नेगी इस साल दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में डायरेक्ट एडमिशनल लेना चाहते थे, लेकिन एक गलती के कारण ऐसा नहीं हो पाया। नेगी ने स्पोट्र्स कोटा के तहत अप्लाई किया था। उन्होंने जो डॉक्यूमेंट्स अपलोड किए उनमें कमी रहने से अब उन्हें ट्रायल में शामिल होना पड़ेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एक अंग्रेजी वेबसाइट के अनुसार डीयू स्पोट्र्स काउंसिल के डायरेक्टर अनिल कुमार कलकल ने बताया कि नेगी ने जो सर्टिफिकेट अपलोड किया उसमें कहा गया था कि उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में हिस्सा लिया जो कि एक नेशनल लेवल का टूर्नामेंट है। हम गाइड लाइंस से बंधे हैं और खास तौर से डॉक्यूमेंट्स के मामले में। उन्हें अब ट्रायल में शामिल होना होगा।
गाइडलाइंस के मुताबिक सीधा एडमिशन उन्हीं को मिलता है कि जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप, विश्व कप, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स, एशियन चैंपियनशिप, साउथ एशियन गेम्स, पैरालंपिक गेम्स या किसी भी टूर्नामेंट में देश का प्रतिनिधित्व किया हो।
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