नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का कामकाज देखने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) के अध्यक्ष विनोद राय का कहना है कि क्रिकेट संस्था का काम देखना ज्यादा चुनौतीपूर्ण नहीं रहा। राय ने कहा कि सीओए के अध्यक्ष के तौर पर उन्हें फैसले लेने के ज्यादा अधिकार नहीं थे और उन्हें बार-बार अदालत का दरवाजा खटखटना पड़ा। सीओए के 100 दिन के कामकाज पर राय ने कहा कि वह बीसीसीआई में सीओए को ज्यादा लंबे समय तक के लिए नहीं देखते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने राय के हवाले से लिखा है, ‘‘बीसीसीआई का काम देखना ज्यादा चुनौतीपूर्ण नहीं रहा। मैं छह साल नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) रहा। जहां हमें लोगों और मुश्किल मुद्दों को संभालना सिखाया जाता था। सीएजी के तौर पर आपको फैसले लेने होते हैं। लेकिन सीओए का सदस्य होने के नाते नहीं। आप जो भी कहेंगे वह बीसीसीआई और राज्य संघों तक रहेगा। इसलिए मेरे पास ज्यादा कोई अधिकार नहीं थे। मुझे बार-बार अदालत जाना पड़ता था। हमें बीसीसीआई के अधिकारियों के साथ काम करना था इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं है।’’
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