नई दिल्ली। हाल ही में क्रिकेट से संन्यास लेने वाले भारत के पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद कैफ ने कहा है कि वर्ष 2002 में नेटवेस्ट ट्रॉफी का फाइनल उनके जीवन को बदलने वाला पल साबित हुआ। कैफ ने उस नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल मैच की 16वीं वर्षगांठ (13 जुलाई) को ही क्रिकेट के सभी प्रारूप से संन्यास की घोषणा की। वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो को दिए इंटरव्यू में कैफ ने कहा, 13 जुलाई मेरे जीवन को बदलने वाला पल था। वो मैच हम तब जीते थे जब किसी ने उम्मीद नहीं की थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मेरे माता-पिता भी मैच छोडक़र फिल्म देखने चले गए थे। मैदान में मौजूद दर्शक भी धीरे-धीरे बाहर जाने लगे थे। कैफ ने नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल मैच में 325 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए लडख़ड़ाई भारतीय पारी को युवराज सिंह के साथ संभाला था और छठे विकेट के लिए 121 रनों की साझेदारी कर भारत को जीत दिलाई थी। कैफ ने लॉड्र्स के मैदान पर खेले गए इस मैच में नाबाद 87 रनों की पारी खेलकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी।
कैफ उस टीम का भी हिस्सा थे जिसने 2003 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई थी। कैफ ने उस विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए रोमांचक मैच को भी याद किया। 37 साल के कैफ ने कहा, मुझे वो मैच अच्छे से याद है। मैं वकार यूनुस के सामने था और हैट्रिक गेंद का सामना कर रहा था। जाहिर सी बात है नर्वस था, लेकिन मुझे आत्मविश्वास था। मुझे पता था कि मुझे सचिन के साथ साझेदारी करनी है। मुझे अपने आपसे यही कहना था कि मुझे विकेट पर खड़े रहना है और साझेदारी करनी है।
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