नई दिल्ली। भारतीय महिला क्रिकेट टीम को दो बार आईसीसी वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंचाने वालीं मिताली राज का मानना है कि सोशल मीडिया के उदय से महिला क्रिकेट को काफी पहचान मिली है और इसके कारण काफी लोग महिला खिलाडिय़ों को जानने लगे हैं। मिताली ने यह बात फिक्की के महिला संगठन एफएलओ द्वारा महिला खिलाडिय़ों के सम्मान के लिए आयोजित कार्यक्रम ब्रेकिंग द बाउंड्रीज में कही।
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एफएलओ ने मिताली और झूलन गोस्वामी को मंगलवार को सम्मानित किया। इस मौके पर भारतीय टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ भी मौजूद थे। मिताली ने कहा, मैचों का प्रसारण हुआ। इससे काफी फायदा हुआ, लेकिन जो लोग मैच नहीं देख पाए वो सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी ले सकते थे। अब लोग हमें सोशल मीडिया पर भी फॉलो कर सकते हैं और प्रोफाइल देख सकते हैं। हमारे फॉलोअर्स काफी बढ़ गए हैं।
इससे महिला क्रिकेट को पहचान बनाने में काफी मदद मिली है। मिताली की कप्तानी में ही भारतीय महिला टीम ने 2005 में पहली बार आईसीसी महिला विश्व कप में जगह बनाई थी। उन्हीं की कप्तानी में टीम ने दूसरी बार इसी साल एक बार फिर विश्व कप का फाइनल खेला। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान राहुल का मानना है कि महिला क्रिकेट को देश में आगे ले जाने के लिए जरूरी है कि स्कूल स्तर पर ज्यादा क्रिकेट खेली जाए और लड़कियों के लिए ज्यादा से ज्यादा टूर्नामेंट आयोजित किए जाएं। मिस्टर भरोसेमंद के नाम से मशहूर द्रविड़ ने कहा, यह महिला क्रिकेट की शुरुआत भर है। आगे काफी कुछ होना है।
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