मुंबई। दो दशक से भी ज्यादा समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सक्रिय रहे मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने रिकॉर्डों की झड़ी लगा दी थी। सचिन तकनीकी रूप से इतने दक्ष थे कि वे वनडे और टेस्ट दोनों में अपनी बल्लेबाजी को लोहा मनवाते थे।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वैसे तो सचिन के पास गिनवाने के लिए उपलब्धियों की की कमी नहीं है, लेकिन उनके जेहन में कुछ बुरी यादें भी हैं। यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सचिन ने कहा कि मुझे लगता है कि वर्ष 2007 का वनडे विश्व कप भारतीय टीम का सबसे बुरा दौर था। वेस्टइंडीज में आयोजित उस विश्व कप में हम सुपर-8 के लिए भी क्वालीफाई नहीं कर पाए।
हालांकि उसके बाद हमने वहां से वापसी की और नए सिरे से सोचना शुरू किया। हमने एक नई दिशा में कदम बढ़ाए। हमें कई चीजों पर काम करना था। कोई भी टीम अचानक से नहीं बदल जाती, उसमें समय लगता है।
विमंस टी-20 क्रिकेट वर्ल्डकप : भारत ने श्रीलंका को 82 रन से मात दी: सेमीफाइनल की राह खुली, आशा-अरुंधति की गेंदबाज़ी का कमाल
भारत ने 86 रनों से जीता दूसरा टी-20, नीतीश रेड्डी बने 'मैन ऑफ द मैच
जयपुर के पुलकित प्रजापत एवं जोधपुर शहर के रूद्र प्रताप ने दिखाया जिम्नास्टिक का जलवा
Daily Horoscope