ईशांत ने आगे कहा, जहीर ने हमें कई तरह के समाधान बताए। कई लोगों ने मुझसे
कहा कि मुझे अपनी फुल लैंग्थ गेंद में तेजी लानी चाहिए लेकिन किसी ने यह
नहीं बताया कि कैसे लाना चाहिए। यह बात मुझे खुद पता चली। जब मैं काउंटी
खेलने गया तो जेसन गिलेस्पी ने मुझे समाधान बताया। रणजी मैच खेलने के बारे
में ईशांत ने कहा, मैं ज्यादा सोचता नहीं हूं, लेकिन कोई भी चीज मैच का
स्थान नहीं ले सकती। जब आप विकेट लेते हो तो आप अपने आप लय में रहते हो।
अभी टेस्ट सीरीज में लंबा ब्रेक है। ये भी पढ़ें - चेज मास्टर के रूप में उभरे कोहली, रिकार्ड बुक में लिखा नए सिरे से अध्याय
जब आप इस स्तर पर लगातार खेलते हो तो
आपको पता होता कि वर्कलोड को किस तरह से मैनेज करना है। मैं इस बारे में
ज्यादा नहीं सोचता। मैं लोड लूंगा, जितने ओवर करने की जरूरत होगी करूंगा और
तब तक गेंदबाजी करूंगा जब तक विपक्षी टीम आउट नहीं हो जाती। भारतीय टीम का
तेज गेंदबाजी आक्रमण देश के इतिहास में अभी तक का सबसे बेहतरीन गेंदबाजी
आक्रमण है। ईशांत ने कहा कि वे इसका हिस्सा होकर काफी खुश हैं।
उन्होंने
कहा, हमें गर्व होता है। उम्मीद है आपको भी होता होगा। हम तीनों (शमी और
उमेश) ने शुरुआत की थी लेकिन शुरुआत में अनुभव की कमी थी। इसलिए हमें
लगातार विकेट नहीं मिलते थे। अब हमें अनुभव है और हम अपनी गेंदबाजी के बारे
में ज्यादा जानते हैं। यह समय के साथ आता है। उन्होंने कहा, हम अपने अनुभव
साझा करते हैं। सिर्फ मैं नहीं बल्कि वे लोग भी पिच, स्थिति के बारे में
अपना फीडबैक देते हैं। बातचीत अब पहले से कई ज्यादा अच्छी है। पहले हम
एक-दूसरे को ज्यादा नहीं जानते थे, लेकिन अब बातचीत अच्छी होती है।
(IANS)
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