लंदन। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के फ्रेंचाइजियों और हितधारकों के बीच हुई बैठक को देखा जाए तो विभिन्न फ्रेंचाइजी टूर्नामेंट में टीमों का विस्तार चाहती हैं, लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) चाहता है कि कोई भी कदम उठाए जाए जाने से पहले जमीनी हकीकत को देखा जाए ताकि 2011 का घटनाक्रम दोबारा न दोहराया जाए जब कई कारणों के चलते टीमों की संख्या को दोबारा 10 से 8 करनी पड़ी थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आईएएनएस से बात करते हुए एक अधिकारी ने कहा कि सभी बातें अच्छी हैं, लेकिन हर कदम सोच-समझकर उठाना होगा और बोर्ड में मौजूद अधिकारियों को विभिन्न फ्रेंचाइजियों को जमीनी हकीकत से अवगत कराना होगा। अधिकारी ने कहा, वे हमारे हितधारक हैं और बीसीसीआई एवं फ्रेंचाइजियों के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं।
हम चिंतित हैं कि प्रबंधन में से किसी व्यक्ति द्वारा इस तरह का अपारदर्शी व्यवहार और आकस्मिक बयान अनावश्यक रूप से बीसीसीआई और फ्रेंचाइजियों के बीच के संबंध को प्रभावित कर सकता है। अधिकारी ने कहा, कुछ लोग अपनी काबिलियत की कमी की भरपाई करने के लिए गलतफहमी पैदा करने में कामयाब होते हैं। जब समय आएगा, हम इस पर फ्रेंचाइजियों के साथ ईमानदारी से बातचीत करेंगे।
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