नई दिल्ली। राजस्थान रॉयल्स के युवा प्रतिभाशाली ऑलराउंडर रियान पराग के पिता पराग दास को लगभग 20 साल पहले महेंद्र सिंह धोनी ने एक प्रथम श्रेणी मैच में स्टंप आउट किया था। तीन साल की उम्र में पराग पहली बार धोनी से मिले थे और अब वे आईपीएल के 12वें सीजन में धोनी के साथ मैदान साझा कर चुके हैं। पराग के मुताबिक यह उनके लिए भावनात्मक क्षण होने के साथ-साथ सम्मान की बात है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रियान ने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ आईपीएल में पदार्पण किया था और उस मैच में पराग की 16 रनों की पारी का अंत धोनी ने उनका कैच पकड़ कर किया था। इसी के साथ रियान के साथ एक अजीब संयोग जुड़ गया था। धोनी ने 1999-2000 सीजन में बिहार की ओर से खेलते हुए रणजी ट्रॉफी से अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया था। धोनी ने ईस्ट जोन लीग में असम के खिलाफ मैच की दूसरी पारी में रियान के पिता पराग दास को स्टम्प आउट किया था।
रियान ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में इस संयोग और धोनी के साथ मैदान साझा करने के बारे में कहा, धोनी के सामने खेलना बहुत अच्छा अनुभव था। उन्होंने पहले मेरे पिता को स्टम्प किया था और अब कैच पकडक़र मुझे आउट किया। वे सर्वकालिक महान खिलाडिय़ों में से एक हैं। उनके साथ मैदान पर साथ रहना बहुत सम्मान की बात है। मैं इससे बेहद खुश हूं कि मुझे उनके सामने खेलना का मौका मिला।
रियान ने मैच के बाद धोनी से अपने खेल को लेकर बात की। रियान ने कहा कि वे धोनी की सलाह पर गंभीरता से काम करेंगे। उन्होंने कहा, मैंने मैच के बाद धोनी बात की। उन्होंने मुझे सलाह दी है कि मैं कैसे अपना खेल सुधारूं। किस तरह अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी बेहतर करूं। मैंने उन बातों को ध्यान में रखा है। मैं उनका अभ्यास करूंगा और उन्हें लागू करने की कोशिश करूंगा।
रियान असम के रहने वाले हैं और अपने घरेलू राज्य से ही प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलते हैं। इस युवा खिलाड़ी ने माना कि असम से क्रिकेट खेलना आसान नहीं था लेकिन राज्य क्रिकेट संघ ने उनकी काफी मदद की। बकौल रियान, असम में अब इफ्रास्ट्रक्चर काफी बेहतर हो रहा है। मैं इसके लिए शिकायत नहीं कर सकता क्योंकि आप उस चीज को नियंत्रण में नहीं कर सकते जो आपके बस में नहीं है। जो है और जो नहीं है आपको उससे सामंजस्य बिठाना है। लेकिन असम क्रिकेट संघ ने मेरी काफी मदद की है क्योंकि वहां अधिकतर समय बारिश होती रहती है।
उन्होंने मुझे इंडोर स्टेडियम दिया। इंडो एस्ट्रो टर्फ विकेट दी। मैंने वहां काफी अभ्यास किया। इसमें संघ ने मेरी काफी मदद की। रियान को राजस्थान ने नीलामी में 20 लाख रुपए में खरीदा था। रियान ने अपने पिता पराग दास को ही अपना आदर्श मानते हैं और कहते हैं कि अभी तक उन्होंने जो हासिल किया है, उसमें उनके पिता का बहुत बड़ा योगदान है।
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