नई दिल्ली। महेंद्र सिह धोनी के नेतृत्व वाली चेन्नई सुपर किंग्स की टीम इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें संस्करण में फिटनेस टेस्ट नहीं देगी। पूर्व भारतीय ट्रेनर रामजी श्रीनिवासन, जो इस सीजन के पहले मैच तक के लिए चेन्नई टीम से जुड़े हैं, ने खिलाडिय़ों की फिटनेस को मापने के लिए दो किमी या 2.4 किमी दौड़ और स्प्रिंट टेस्ट को खिलाडिय़ों की फिटनेस मापने के पैमाने के रूप में चुना है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रामजी ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि कैसे उन्होंने यो-यो टेस्ट जैसे सामान्य टेस्ट पैरामीटर के बजाय खिलाडिय़ों की व्यक्तिगत जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट टेस्ट और डिजाइन टेस्ट को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि मैंने खिलाडिय़ों की फिटनेस जांच के लिए दो किमी या 2.4 किमी दौड़ को चुना है।
केवल इसलिए कि राष्ट्रीय टीम यो-यो टेस्ट करती है तो इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे भी इस प्रक्रिया का पालन करने की जरूरत है। रामजी ने कहा कि मेरा मानना है कि खिलाडिय़ों की खास जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए चुनौतियों को तैयार करने की जरूरत है। उदाहरण के रूप में देखें तो जब मैं भारतीय टीम के साथ था, तब मैंने धोनी के लिए जो टेस्ट तैयार किया था, वह सचिन तेंदुलकर के लिए नहीं था।
उन्होंने कहा, ठीक वैसे ही अगर विराट कोहली डेडलिफ्ट करना चाहते हैं और उनका शरीर उनका साथ देता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि धोनी को भी वैसा ही करना होगा। यो-यो टेस्ट फुटबॉल जैसे खेलों के लिए अधिक अनुकूल है।
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