नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) के मुख्य कोच को लेकर जब आवेदन मांगे गए थे तब प्रशासकों की समिति (COA) के अध्यक्ष विनोद राय (Vinod Roy) ने साफ कहा था कि इस प्रक्रिया में कप्तान की भूमिका नहीं होगी। दूसरी तरफ, वेस्टइंडीज दौरे पर रवाना होने से पहले कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने कोच पद के लिए अपनी पसंद को खुलेआम जाहिर कर दिया था और रवि शास्त्री का समर्थन किया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कोहली के अपनी पसंद के साफ इजहार के बाद सीओए ने कहा है कि कप्तान एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं ऐसे में उन्हें अपनी बात रखने का अधिकार है। सीओए के एक सदस्य ने आईएएनएस से कहा कि कोहली लोकतांत्रिक देश में रहते हैं और उन्हें बोलने से नहीं रोका जा सकता। जब उनसे पूछा गया कि क्या कप्तान का रवि शास्त्री के साथ अपने संबंधों के बारे में बात करना तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के लिए एक तरह का इशारा है?
इस पर सीओए सदस्य ने कहा कि ऐसा नहीं है। सदस्य ने कहा कि यह उनका विचार है और उन्होंने इसे जाहिर किया है। यह लोकतांत्रिक देश है इसलिए हम किसी को कुछ भी कहने से नहीं रोक सकते। क्यों हर व्यक्ति का हर शब्द मायने रखता है? वे टीम के कप्तान हो सकते हैं, लेकिन सीएसी भी है और कोच की नियुक्ति को लेकर फैसला उसे लेना है।
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