240 रनों का पीछा करना ओल्ड ट्रेफर्ड की पिच पर आसान नहीं था क्योंकि बारिश
और मौसम ने यहां की स्थितियां तेज गेंदबाजों के मुफीद बना दी थीं। भारत ने
92 रनों पर ही अपने छह विकेट खो दिए थे। यहां से रवींद्र जडेजा (77) और
महेंद्र सिंह धोनी (50) ने सातवें विकेट के लिए 116 रनों की साझेदारी कर
भारत को जीत के करीब पहुंचाया। यह विश्व कप में सातवें विकेट के लिए दूसरी
सबसे बड़ी साझेदारी है। ऐसा लग रहा था कि जडेजा और धोनी की जोड़ी भारत को
फाइनल में पहुंचा देगी तभी ट्रेंट बोल्ट ने मैच का रुख बदल दिया। उन्होंने
208 के कुल स्कोर पर जडेजा को कप्तान केन विलियमसन के हाथों कैच कराया। ये भी पढ़ें - पाकिस्तान में शादी....... सानिया मिर्जा ने ट्रोल की ऐसे कर दी बोलती बंद
जडेजा
ने 59 गेंदों का सामना कर चार चौके और चार छक्के मारे। धोनी क्रीज पर भारत
की आखिरी उम्मीद थे। आखिरी दो ओवरों में भारत को 31 रनों की दरकार थी।
धोनी ने पहली गेंद पर छक्का मारा और दूसरी गेंद पर दो रन लेने चाहे। दूसरा
रन लेने दौड़े धोनी, मार्टिन गुप्टिल की डायरेक्ट हिट से पहले बल्ला क्रीज
पर नहीं रख सके और यहीं भारत की उम्मीदें खत्म हो गई। धोनी ने 72 गेंदों का
सामना कर एक छक्का और एक चौका लगाया। लॉकी फग्र्यूसन ने भुवनेश्वर कुमार
(0) और जिम्मी नीशम ने युजवेंद्र चहल (5) को आउट कर भारत को सेमीफाइनल में
हार सौंपी।
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