कोलकाता। भारतीय क्रिकेट टीम के मेंटल कनडिशिंग कोच रहे पैडी अप्टन ने कहा कि जब महेंद्र सिंह धोनी ने वनडे टीम की कप्तानी ली थी तब वे इस बात को सुनिश्चित करते थे कि कोई भी अभ्यास के लिए देरी से न आए। अपनी नई किताब द बेयरफुट कोच के एक कार्यक्रम के मौके पर अप्टन ने बताया कि किस तरह उस समय के टेस्ट कप्तान अनिल कुंबले और वनडे कप्तान धोनी नए तरीके और विचार लेकर आए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि मैं जब भारतीय टीम के साथ जुड़ा तब अनिल कुंबले टेस्ट टीम और धोनी वनडे टीम के कप्तान थे। हमारी टीम में एक बहुत अच्छी स्वशासन की प्रक्रिया थी। हमने टीम से कहा था कि अभ्यास और टीम बैठक के लिए समय पर आना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसलिए हमने टीम से कहा कि अगर कोई खिलाड़ी देरी से आता है तो ऐसी क्या चीज है जो वो छोड़ सकता है?
हमने आपस में यह बात की और खिलाडिय़ों ने अंतत: इसे कप्तान के जिम्मे छोड़ दिया। कुंबले ने कहा कि देर से आने वाले पर 10000 रुपए जुर्माना लगेगा, लेकिन धोनी ने इससे भी बड़ी सजा बताई और कहा कि अगर कोई खिलाड़ी देरी से आता है तो पूरी टीम मिलकर 10000 रुपए देगी।
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