उन्होंने कहा कि काश मैं 27 का होता लेकिन अब मैं 37 का हूं और अब मेरे पास
करने के लिए कुछ नहीं रह गया है। जब आपके रन आपको आगे नहीं ले जा पाते
हैं, तो उन रनों को स्कोर करते रहने का कोई तुक नहीं बनता। बेहतर होगा कि
कोई युवा खिलाड़ी आगे आए और रन बनाकर भारतीय टीम में खेलने का सपना पूरा
करे। ये भी पढ़ें - टेस्ट सीरीज से बाहर हुए कमिंस व हैजलवुड, ये ले सकते हैं जगह
गंभीर ने कहा कि मैंने हमेशा सोचा था कि मैं रन स्कोर करूंगा, तो कभी न
कभी राष्ट्रीय टीम में स्थान मिलेगा। जब मुझे लगा कि मेरा यह प्रयास मुझे
आगे नहीं ले जा पा रहा और मुझे राष्ट्रीय टीम में स्थान नहीं मिल पा रहा
है, तो इस प्रयास को जारी रखने का कोई फायदा नहीं।
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