उन्होंने कहा, 2014 के बाद से टीम ने जो प्रगति की है और खुशी के साथ टेस्ट
में नंबर-1 बनी, वह भी तीन साल तक लगातार। हमने इस दौरान 52 टेस्ट खेले और
30 में जीत हासिल की, जिसमें से 13 जीत विदेशों में हासिल की गई थी। हम
वनडे में भी बाकी देशों में जीते। सिर्फ एक चीज जो नहीं हो पाई वह है विश्व
कप। ये भी पढ़ें - ‘लेकिन ईमानदारी से कहूं तो मैंने इसके बारे में सोचा नहीं है’
बांगड़ को हटाने की पीछे की वजह नंबर-4 के लिए ठोस विकल्प न ढूंढऩा
बताई गई थी। उन्होंने कहा, पूरा टीम प्रबंधन और चयनकर्ता नंबर-4 को लेकर
लिए गए फैसलों में हिस्सेदार थे। चुनाव मौजूदा फॉर्म, फिटनेस पर होना था।
बांगड़ के समय में ही विराट कोहली अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़े बल्लेबाज
बनकर उभरे। रोहित शर्मा और शिखर धवन के रूप में भारत को मजबूत सलामी जोड़ी
मिली और टेस्ट में चेतेश्वर पुजारा भी टीम की मजबूत कड़ी बने।
अभिषेक शर्मा ने 63 रनों की तूफानी पारी का श्रेय अपने माता-पिता की मौजूदगी को दिया
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