गांगुली ने कहा, जब भारत 2001 में ऑस्ट्रेलिया में खेल रहा था तब मैंने
देखा की यह अलग टीम है और लडऩे के लिए तैयार है। इसलिए एक कप्तान के तौर पर
मुझे मैदान पर वो माहौल बनाना था जिसकी शुरुआत मुझसे होनी थी। गांगुली ने
कहा कि टीम चयन पहले की अपेक्षा अब ज्यादा पारदर्शी हो गया है। उन्होंने
कहा, चयन प्रक्रिया अब पहले से ज्याता पारदर्शी हो गई है। ये भी पढ़ें - अब यह दिग्गज भी हुआ ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या के खेल का मुरीद
आप जब अब की
भारतीय टीम को देखते हैं और विराट कोहली जैसे ईमानदार तथा जुनूनी कप्तान को
देखते हैं तो आपको पता चलता है कि यह कितना पारदर्शी है। गांगुली ने कहा
कि कोहली खिलाडिय़ों को ध्यान से देखते हैं। हर कोई गलती करता है जो मान्य
भी होती है। आप परिणाम देख सकते हैं कि भारत किस तरह से आगे बढ़ रहा है।
मैंने जब 1996 में क्रिकेट शुरू किया था तब क्रिकेट अलग था। यह खेल दिन ब
दिन बेहतर होता जा रहा है।
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