कप्तान ने कहा, मुझे लगता है कि अगर पिच से गेंदबाजों को थोड़ी
अतिरिक्त मदद मिलेगी तो यह गेंदबाजों का खेल होगा। मुझे नहीं पता कि ओस और
अतिरिक्त सतह हट जाने के बाद पुरानी गेंद किस तरह का व्यवहार करेगी। यह
देखना रोचक होगा कि पुरानी गेंद किस तरह से खेलेगी।" ये भी पढ़ें - ‘थोड़ा समय जरूर लगेगा, लेकिन इस खेल को भी पहचान मिलेगी’
भारत पहले
दिन-रात का टेस्ट मैच खेलने के लिए राजी नहीं हुआ था। उसने पिछले साल
एडिलेड में भी दिन-रात का टेस्ट मैच खेलने से मना कर दिया था। सौरभ गांगुली
के बीसीसीआई के नए अध्यक्ष बनने के बाद भारत ने इस प्रारूप में पदार्पण
करने का फैसला किया क्योंकि गांगुली को लगता है कि यह आगे जाने का सही
तरीका है। गांगुली ने साथ ही कहा था कि कोहली को इस बात के लिए मनाने में
सिर्फ तीन सेकेंड लगे।
कोहली ने कहा, मैंने पहले कभी गुलाबी गेंद से
नहीं खेला है। मुझे इससे खेलने का मौका दिया गया और मैं राजी हो गया
क्योंकि मैं खेलना चाहता था। मुझे लगता है कि गुलाबी गेंद से खेलने के लिए
आपको अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत है। भारत विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में
भारत इस समय पहले स्थान पर है। कोहली ने कहा है कि उनकी टीम बांग्लादेश को
हल्के में नहीं ले सकती। उन्होंने कहा, "टेस्ट क्रिकेट में, मुझे नहीं लगता
कि आप एक सत्र में भी बिना फोकस हटाए खेल सकते हो यहां तक कि एक ओवर में
भी।
--आईएएनएस
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