जोहानसबर्ग। ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के मुख्य कोच डैरेन लैहमन ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि यहां दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाला चौथा टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ कोच के तौर पर उनका आखिरी टेस्ट मैच होगा। लैहमन ने यह फैसला केपटाउन में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में हुए बॉल टेम्परिंग विवाद के बाद लिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस विवाद के कारण ही क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने स्टीवन स्मिथ, डेविड वार्नर पर 12-12 महीनों का प्रतिबंध लगाया है जबकि सलामी बल्लेबाज केमरून बेनक्राफ्ट पर नौ महीनों का प्रतिबंध लगाया है। विवाद के बाद लैहमन की भी काफी आलोचना हुई थी, लेकिन सीए ने अपनी जांच में उन्हें बेकसूर पाया था। एक दिन पहले ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था।
क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू ने लैहमन के हवाले से लिखा है, खिलाडिय़ों को अलविदा कहना मेरे लिए अभी तक का सबसे मुश्किल काम साबित हुआ। इस विवाद के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम की खेल संस्कृति की काफी आलोचना हो रही है जो खिलाडिय़ों द्वारा की जाने वाली तल्ख छींटाकशी के कारण पहले से ही विवादों में रही है। लैहमन को जून-2013 में टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था।
उन्हें सीए द्वारा हटाए गए मिकी आर्थर के स्थान पर टीम की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लैहमन के मार्गदर्शन में ऑस्ट्रेलिया ने तीन एशेज सीरीज पर कब्जा जमाया और 2015 में विश्व कप अपने नाम किया। कोच के तौर पर अपने सबसे अच्छे पल के बारे में पूछने पर लैहमन ने कहा, फिलिप ह्यूज की मौत के बाद हमने जिस तरह से चीजों को संभाला, वो मुझे हमेशा याद रहेगा। लैहमन 1999 और 2003 में विश्व कप जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा रहे थे।
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