नई दिल्ली। युवराज सिंह क्रिकेट के चाहने वालों के लिए हीरो हैं लेकिन अपने कोच की नजर में वे एक लिजेंड हैं। युवराज को क्रिकेट की बारीकियां सिखाने वाले कोच सुखविंदर बावा मानते हैं कि एक दिन पहले क्रिकेट को अलविदा कहने वाले युवराज सही मायने में लिजेंड हैं क्योंकि उन्होंने क्रिकेट जगत का सबसे बड़ा कमबैक (वापसी) किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वैसे तो युवराज के पिता योगराज सिंह ने उन्हें क्रिकेट से रूबरू कराया और आगे लेकर आए लेकिन युवराज 15-16 साल की उम्र में सुखविंदर के पास पहुंचे थे और तब से युवराज को आगे लेकर आने में सुखविंदर का बड़ा हाथ है। अपने इस शिष्य के संन्यास पर सुखविंदर ने आईएएनएस से कहा कि मेरे लिए वो हमेशा लिजेंड रहेगा।
उसके लिए यह फैसला लेने का सही वक्त था। मेरी नजर में उसने क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा कमबैक किया था, इसलिए वो लिजेंड है। सुखविंदर ने भारत के लिए 400 से अधिक मैच खेलने वाले युवराज के लिए कहा, आप लोगों ने टीवी पर उसका एग्रेशन, उसका जुनून देखा है। असल जिंदगी में वह बिल्कुल ऐसा नहीं है। वह जिंदादिल है। वह जो कुछ करता है, देश के लिए करता है। अपने लिए उसने एक भी पारी नहीं खेली।
मैंने कई बार टोका कि अपना विकेट क्यों फेंक दिया तो कहता था-सर वहां टीम को मेरी जरूरत थी। सो, मैंने देश के लिए यह फैसला लिया। बावा के मुताबिक जो इंसान गलत देखकर उसके खिलाफ आवाज उठाना जानता हो, उसके अंदर एग्रेशन तो होना ही चाहिए और युवराज भी ऐसा ही है। बकौल बावा, वह गलत होता देख आंखें बंद नहीं कर सकता। वह उसके खिलाफ आवाज उठाता है और हालात सुधारने की कोशिश करता है। इसके लिए आक्रामक होना जरूरी है। अगर ऐसा न हो तो इंसान लाश हो जाता है।
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