कोलकाता। जम्मू एवं कश्मीर के खिलाड़ी इन दिनों बड़ौदा के मोती बाग मैदान में आगामी घरेलू सीजन की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन कुछ समय पहले तक उन्हें यह भी पता नहीं था कि भविष्य में वे क्या करेंगे। सरकार द्वारा कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद खिलाडिय़ों को राज्य से बाहर जाने के लिए कहा गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अगस्त से लेकर सितंबर की शुरुआत तक कोई हलचल नहीं हुई और खिलाडिय़ों के पास रहने की भी जगह नहीं थी, ऐसे समय में उनके मेंटर और पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज इरफान पठान ने सीईओ आशिक अली बुखारी सहित जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ के अधिकारियों से बात की और टीवी पर विज्ञापन देने की योजना बनाई।
इसके जरिए कश्मीरी खिलाडिय़ों को जम्मू में जेकेसीए कार्यालय पर रिपोर्ट करने के लिए कहा गया। इरफान ने आईएएनएस से कहा कि अगस्त के अंत में हमने विज्ञापन जारी करने का निर्णय किया और यह योजना काम कर गई। फिर हमने उन्हें बड़ौदा लाने और विजय हजारे ट्रॉफी से पहले एक कैम्प आयोजित करने का फैसला किया।
उन्होंने कहा, हमने जून के मध्य में कैम्प शुरू किया था और अच्छी प्रगति की थी। जब अगस्त की शुरुआत में कैम्प लगाया गया तो मैच खेलने और ट्रेनिंग करने का समय था। हम जानते हैं कि हम पीछे चल रहे हैं, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करने के लिए एक रास्ता खोजने की जरूरत थी कि लडक़े क्रिकेट खेलने के लिए अच्छे से तैयार रहें।
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