एडुल्जी ने कहा, अभी तक, कार्यकारी सचिव ने खन्ना को इस बाबत कई मेल किए कि
उन्होंने किस आधार पर डीडीसीए अध्यक्ष को अपनी मौजूदगी में ट्रॉफी देने
दी, लेकिन इस तरह के मेल का अभी तक खन्ना ने कोई जबाव नहीं दिया है।
एडुल्जी ने बताया कि फाइनल के दौरान खन्ना ने किस तरह मुसीबत खड़ी की और
राई का पहाड़ बनाया। एडुल्जी ने कहा, फाइनल के दिन उनका हमेशा की तरह ध्यान
ट्रॉफी देने पर था। ये भी पढ़ें - IPL में ऐसा करने वाले 5वें गेंदबाज बने जसप्रीत बुमराह, देखें...
वे अपनी जेब में 2017 के मेल की कॉपी लेकर घूम रहे थे।
मेरा मानना था कि मुझे या जनरल को ट्रॉफी देने चाहिए क्योंकि दिल्ली में
खन्ना ने परंपरा का पालन नहीं किया था। एडुल्जी ने कहा, अगर मेरा मकसद
सिर्फ ट्रॉफी देना होता तो मैं पहले दो संस्करणों में भी इस पर जोर देती
जहां मैं फाइनल में मौजूद थी।
एक पूर्व भारतीय खिलाड़ी होने के नाते मैं
अपने खेलने के दिनों में हमेशा से ट्रॉफी लेने के लिए प्रेरित होती थी।
ट्रॉफी देना ऐसी चीज नहीं है जो मुझे प्रेरित करे। मेरा सिर्फ इतना मानना
था कि खन्ना ने दिल्ली में अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई थी। एडुल्जी ने कहा,
कुछ अधिकारियों के मुताबिक, जिन्होंने आधी जानकारी दी है और तिल का ताड़
बनाया है, इसकी वजह असुरक्षा की भावना हो सकती है।
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