संयुक्त सचिव ने कहा कि अतीत में हमने देखा है कि पैर की नो बॉल एक विवादित
मुद्दा रहा है। मेरा यह मानना है कि तकनीक पैर की नो बॉल को पकडऩे के लिए
उपयोग में ली जा सकती है। इसके लिए बड़े पैमाने पर जांच की जरूरत है और हम
विंडीज सीरीज में भी यह जारी रखेंगे। उनसे जब पूछा गया कि क्या विंडीज
सीरीज को लेकर जो डाटा मिलेगा क्या उस पर आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल और
बोर्ड के अधिकारी चर्चा करेंगे? ये भी पढ़ें - BCCI ने धवन व स्मृति को किया अर्जुन अवार्ड के लिए नामित
इस पर जवाब मिला, जब पूरा डाटा आएगा तो मैं
अपने साथियों के साथ इस पर चर्चा करूंगा और फिर आगे बढऩे को लेकर विचार
करेंगे। तीसरे अंपायर द्वारा जो कैमरा रन आउट की जांच करने के लिए उपयोग
में लिया जाता है वही कैमरा नो बॉल की जांच के लिए उपयोग में लिया जाएगा।
यह कैमरा एक सेकेंड में 300 फ्रेम को कैद करता है। इन कैमरे को ऑपरेटर अपनी
इच्छा के मुताबिक जूम कर सकते हैं।
यह प्रस्ताव इस महीने की शुरुआत में
आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल में रखा गया था और काउंसिल के सदस्य ने कहा था,
अगर अगले आईपीएल में सभी कुछ अच्छा रहा तो आप नियमित अंपायरों के अलावा नो
बॉल को परखने के लिए अलग से अंपायर देख सकते हैं। यह विचार थोड़ा अजीब लग
सकता है लेकिन यह मुद्दा आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में उठा था।
(IANS)
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