नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा चुनी गई भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के प्रशासकों की समिति (सीओए) ने सोमवार को मुंबई में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के चेयरमैन शशांक मनोहर के साथ बैठक करने के बाद यह निर्णय लिया कि भारतीय बोर्ड एक ट्रायल के तौर पर राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संस्था (नाडा) के साथ काम करेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मामले से जुड़े सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि बोर्ड नाडा के साथ छह महीने तक काम करने के लिए तैयार है, लेकिन एजेंसी को टेस्ट के लिए केवल 10 प्रतिशत नमूने ही दिए जाएंगे। सूत्र ने कहा कि भारतीय बोर्ड ने अगले छह महीनों के लिए नाडा के साथ काम करने और उसके बाद आगे की राह तय करने पर सहमति व्यक्त की है।
विश्वास एक मुद्दा रहा है और इसे एजेंसी के गुणवत्तापूर्ण काम के साथ हासिल करने की आवश्यकता है। एजेंसी परीक्षण के लिए केवल 10 प्रतिशत नमूने एकत्र करेगी। सूत्र ने कहा कि बोर्ड का मानना है कि 2022 में राष्ट्रमंडल खेल होने वाले हैं जिसमें भारत बर्मिंघम में होने वाले आयोजन में महिला टीम को भेजना चाहेगा और यह कदम उसी दिशा में उठाया गया है।
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