अधिकारी ने कहा कि वह अलग था। शमी पर उस समय यह आरोप थे कि वह मैच फिक्सिंग
में शामिल रहे हैं। इसलिए तब सीओए को लगा था कि भ्रष्टाचार रोधी इकाई
(एसीयू) के तत्कालीन अध्यक्ष नीरज कुमार का इस मामले को देखना उपयुक्त
होगा। ये भी पढ़ें - कोहली के नाम से जुड़ी यह उपलब्धि, इस विशेष क्लब में शामिल, देखें...
नीरज ने अपनी जांच में शमी को निर्दोष पाया था। इसके बाद उनका अनुबंध
बहाल किया गया। उन्होंने कहा, इस बार यह मामला घरेलू हिंसा का है। इस समय
जो स्थिति है उसे देखते हुए उनका अनुबंध खत्म करने की जरूरत नहीं है। मुझे
पूरी उम्मीद है कि शमी एक बार जब देश वापस आ जाएंगे, तब वो सभी जरूरी कदम
उठाएंगे।
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