उन्होंने कहा, भारतीय जमीन पर जो भी होगा वह नाडा के अंडर ही होगा। इसलिए
आईपीएल, सभी अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी, हर चीज नाडा के अंडर होगी। साफ तौर पर
यह बताता है कि दो सदस्य विफल हुए हैं। एक और अधिकारी ने कहा कि इन दोनों
की कम जानकारी और पृथ्वी शॉ के मामले पर मिट्टी डालने की कोशिश में यह बेहद
खराब फैसला लिया गया है। अधिकारी ने कहा, आपको अपना होमवर्क करना चाहिए
था। ये भी पढ़ें - कोहली के नाम से जुड़ी यह उपलब्धि, इस विशेष क्लब में शामिल, देखें...
उन्हें वाडा और नाडा के कोड से वाकिफ होना चाहिए था। उन मामलों की
जानकारी होनी चाहिए थी जो भारतीय क्रिकेट में लंबे समय से हैं साथ ही इस
बात का भी पता होना चाहिए था कि बीसीसीआई क्यों अभी तक नाडा के अंडर नहीं आ
रही थी, लेकिन इन दोनों को किसी तरह की जानकारी नहीं है। अधिकारी ने कहा,
शॉ का मामला गलत तरीके से संभाला गया। यह कदम लगता है कि उस पर मिट्टी
डालने की कोशिश है। यह साफ है कि कौन गलती पर है। उन्होंने कहा, इन दोनों
को पूरी बैठक से क्या मिला?
अगर कोई उनको डरा रहा था और मंजूरी नहीं दे रहा
था तो इन दोनों को मीडिया के सामने यह बात कहनी चाहिए थी और न्याय का
इंतजार करना चाहिए था। यह भारतीय क्रिकेट और उसके खिलाडिय़ों के लिए पूरी
तरह से गलत है। दिलचस्प बात यह है कि जौहरी ने बैठक के बाद कहा कि दौरों की
मंजूरी मिलना एक अलग मुद्दा है जिसका नाडा के अंडर आने से कोई लेना-देना
नहीं है।
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