रवींद्र जडेजा को लेकर ऐसा बोले विराट कोहली

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 29 सितम्बर 2016, 5:38 PM (IST)

कोलकाता। भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली और हरफनमौला खिलाड़ी रवींद्र जडेजा कुछ सालों से तीनों फॉर्मेट (टी20, वनडे, टेस्ट) में साथ खेलते नजर आते हैं। कोहली ने गुरुवार को जडेजा का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें यह अहसास दिलाने के लिए कि उनकी बल्लेबाजी अच्छी है, उन्हें पूरी टीम के समर्थन की जरूरत है। बाएं हाथ का यह स्पिनर खेल के लंबे प्रारूप में अपनी बल्लेबाजी को लेकर अक्सर आलोचकों के निशाने पर रहा है।

कानपुर में खेले गए पहले टेस्ट में हालांकि मैन ऑफ द मैच जडेजा ने 42 और नाबाद 50 रनों की महत्वपूर्ण पारियां खेली थीं। इस टेस्ट में जडेजा ने छह विकेट भी अपने नाम किए थे। कोहली ने कहा कि मेरा मानना है कि पहले जडेजा टेस्ट क्रिकेट के बारे में ज्यादा सोचते थे। हर किसी के खेलने का अलग अंदाज होता है और हमारा मानना है कि उन्हें अपनी बल्लेबाजी शैली में बदलाव करने की जरूरत नहीं है। कोहली ने कहा कि जब ऐसी परिस्थिति आ जाए की टीम को ड्रा के लिए खेलना पड़े, तब उन्हें आत्मविश्वास हासिल करने की जरूरत है लेकिन मेरा मानना है कि उन्हें निश्चिंत रहने की जरुरत है।

कानपुर टेस्ट की पहली पारी में जडेजा ने कीवी टीम के पांच बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा था। कोहली ने कहा कि जडेजा को टीम प्रबंधन और साथी खिलाडिय़ों के साथ की जरुरत है। उन्हें यह मानने की जरुरत है कि वे अच्छी बल्लेबाजी करते हैं। लगातार 60-70 का स्कोर करना जरुरी है और उसके बाद आप अपने अतीत के अनुभव से सीखते हैं। उन्होंने कहा कि वे अच्छा कर रहे हैं। मैं खुश हूं कि वे बल्ले एवं गेंद से टीम में अच्छा योगदान दे रहे हैं। उनके पास दोनों योग्यताएं हैं और वे उनका पूरा फायदा उठा रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि वे इसी तरह टीम में अपना योगदान देते रहेंगे।

रैकिंग से मुझे प्रेरणा नहीं मिलती : कोहली

भारतीय टेस्ट टीम रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल करने से सिर्फ एक कदम दूर है, लेकिन कप्तान विराट कोहली का कहना है कि वे रैकिंग की चिंता नहीं करते क्योंकि रिकॉर्ड से उन्हें प्रेरणा नहीं मिलती। कोहली ने कहा कि रिकॉर्ड से मुझे प्रेरणा नहीं मिलती। अगर आप दो साल के पहले की टीम और अब की टीम देखेंगे और हम जिस तरह से खेल रहे हैं उसका आंकलन करेंगे तो पता चलेगा कि इससे बचकर निकल जाना आसान होता है। अगर आप हमेशा रैकिंग पर ध्यान देंगे और हर समय उसी के बारे में सोचेंगे तो आप अपनी एकाग्रता खो बैठेंगे।

जब आप बल्लेबाजी की शुरुआत करते हैं तो आप रिकॉर्ड के बारे में नहीं सोचते हैं। यह आपका ध्यान प्रक्रिया से हटा देता है। मैं और टीम क्रिकेट के स्तर में सुधार पर काम कर रहे हैं। हम रैंकिंग की चिंता नहीं करते, यह स्थायी नहीं है। अगर हम इससे जुड़े रहेंगे तो हम दुखी हो जाएंगे। रैंकिंग बदलती हैं। अगर अन्य टीमें अच्छा खेलेंगी तो रैंकिंग बदलेगी। अगर हम इसके बारे में हमेशा सोचते रहेंगे तो इससे हमें मदद नहीं मिलेगी।

(IANS)