कोलकाता। भारत और न्यूजीलैंड के बीच शुक्रवार (30 सितंबर) से यहां के ऐतिहासिक ईडन गार्डन स्टेडियम में तीन मैच की सीरीज का दूसरा टेस्ट खेला जाएगा। भारत ने कानपुर में खेला गया पहला टेस्ट 197 रन से जीता था। इस बीच, भारतीय टीम प्रबंधन ने बुधवार को स्थानीय अधिकारियों से ईडन के पिच पर घास काफी कम करने को कहा। ऐसा माना जा रहा है कि टीम के वरिष्ठ अधिकारी ने बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के अधिकारी से इस संबंध में अनुरोध किया है।
हालांकि टीम इंडिया के कोच अनिल कुंबले ने कहा था कि टीम पिच पर घास को
लेकर चिंतित नहीं है। कुंबले ने मीडिया से कहा कि उनकी टीम में किसी भी
परिस्थिति में खेलने का माद्दा है। कुंबले ने कहा कि मैंने पहले भी कहा है
कि हमारी टीम किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने और हर तरह के हालात में
खेलने को तैयार है। हम पिच के बारे में ज्यादा चिंतित नहीं हैं। हमने सारी
तैयारी पूरी कर ली है।
भारतीय टीम मंगलवार को यहां पहुंच गई थी। बुधवार
को टीम ने स्टेडियम में अभ्यास किया, लेकिन पहले टेस्ट मैच के हीरो रहे
स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन अभ्यास में नजर नहीं आए। उनके अलावा
रवींद्र जडेजा और मोहम्मद शमी भी अभ्यास सत्र का हिस्सा नहीं बने। शिखर
धवन, रोहित शर्मा, विराट कोहली, रिद्धिमान साहा, अजिंक्य रहाणे और अमित
मिश्रा ने बल्लेबाजी का अभ्यास किया।
‘स्ट्राइक रेट गेंदबाजों के लिए है, बल्लेबाजों के लिए नहीं’
कोच
अनिल कुंबले ने कहा कि बल्लेबाजों को स्ट्राइक रेट को लेकर चिंता नहीं
करनी चाहिए क्योंकि यह गेंदबाजों के लिए मायने रखती है। उल्लेखनीय है कि
वेस्टइंडीज दौरे पर भारतीय टीम के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा की स्ट्राइक
रेट को लेकर काफी चर्चा हुई थी। टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली ने हाल ही
में कहा था कि उन्होंने पुजारा से स्ट्राइक रेट बेहतर करने की बात कही थी।
पूर्व
भारतीय कप्तान कुंबले ने कहा कि मैं जानता हूं टी20 के उदय के बाद
स्ट्राइक रेट को लेकर काफी बातें होती हैं। जहां तक मेरा ख्याल है, जब मैं
खेला करता था तब स्ट्राइक रेट अधिकतर गेंदबाजों के बारे में होती थी।
भारतीय टीम में आपको अलग तरह का होना जरूरी है। आपको अलग तरह की काबिलियित
वाले खिलाड़ी चाहिए।
टेस्ट क्रिकेट की विशेषता हर सत्र में आने वाली
अलग तरह की चुनौतियों में छिपी है। आपको अलग तरह की योग्यता वाले अलग
खिलाड़ी चाहिए। टेस्ट मैचों में चुनौतियां होती हैं क्योंकि हर सत्र अलग
होता है। यह टेस्ट क्रिकेट की खासियत है। स्ट्राइक रेट सिर्फ गेंदबाजों के
लिए मायने रखती है न कि बल्लेबाजों के लिए। मैं इसे इसी तरह देखता हूं।
(IANS)