एशिया के बेहतरीन म्यूजियमों में शामिल है ,यह म्यूजियम

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 27 सितम्बर 2016, 8:54 PM (IST)

जैसलमेर । जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर जोधपुर-बीकानेर मार्ग पर अवस्थित युद्ध संग्रहालय (वार म्यूजियम) एशिया के 25 बेहतरीन संग्रहालयों में से एक है। ये संग्रहालय गत 24 अगस्त को स्थापित किया गया था।

इतने कम समय में एशिया के बेहतरीन संग्रहालयों में शामिल होने से जैसलमेर और भारतीय योद्धाओं के लिए गर्व माना जा रहा है। भारतीय सेना की ओर से पिछले वर्ष 25 अगस्त को स्थापित किए गए इस म्यूजियम को देखने के प्रति जैसलमेर आने वाले देसी-विदेशी सैलानियों के साथ ही स्थानीय बाशिंदों में जबर्दस्त उत्साह नजर आया है।

ट्रिप एडवाइजर ने वार म्यूजियम देखने आने वाले दर्शकों की टिप्पणियों को आधार बनाते हुए इसे शीर्ष संग्रहालयों में शामिल किया है. जैसलमेर के वार म्यूजियम के अलावा इस सूची में राजस्थान के ही उदयपुर शहर की बागोर की हवेली, कोलकाता का विक्टोरिया मेमोरियल हॉल, हैदराबाद का सालार जंग संग्रहालय और लेह का हॉल ऑफ फेम संग्रहालय भी शुमार किया गया है।
यद्यपि विश्व के सर्वश्रेष्ठ 25 संग्रहालयों में भारत का कोई संग्रहालय स्थान नहीं बना पाया है। भारतीय सेना की गौरव गाथा को संजोने के लिए मुख्यालय से 10 किमी की दूरी पर सैन्य स्टेशन पर जैसलमेर युद्ध संग्रहालय का निर्माण करवाया गया। सेना की दक्षिणी कमान और जोधपुर आधारित कोणार्क कोर की कल्पना के साकार रूप का उद्घाटन सेना की दक्षिण कमान के तत्कालीन जीओसी मेजर जनरल अशोक सिंह ने किया था। संग्रहालय में भारतीय सेना के अदम्य साहस, सैनिकों की व्यक्तिगत वीरता और उनके द्वारा दिए गए चरम बलिदान की गौरव गाथा को बेहतरीन ढंग से संजोया गया है।

म्यूजियम में पाकिस्तान के खिलाफ वर्ष 1965 और 1971 के युद्धों में प्राप्त विजय की गाथा का जीवंत प्रदर्शन किया गया है। संग्रहालय परिसर में 15 मीटर के पोल पर शान से लहराता विशालकाय तिरंगा दूर से ही भारतीय सेना की अनन्य देशभक्ति का संदेश प्रसारित करता है। युद्ध संग्रहालय के विशाल अहाते में पाकिस्तान से युद्ध में जीते गए 2 शेरमन और एक टी-59 टैंक रखे गए हैं। ऐसे ही पाकिस्तान की एक रिकवरी गाड़ी, भारत का एक हंटर एयरक्राफ्ट, एक टी-55 टैंक, 2 विजयंत टैंक, एक-एक एंटी एयरक्राफ्ट गन, पैक हाउस 75/24, आरसीएल गन, एयर डिफेंस राडार और बी.टी.आर. 60 को प्रदर्शित किया गया है। संग्रहालय में चल चित्र के जरिए युद्ध की यादों को ताजा किया गया है और इस प्रस्तुति में उस युद्ध के नायक मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी युद्धकालीन परिस्थितियों के बारे में जानकारी देते हैं। यहां व्यवस्थित शॉप के साथ जलपान गृह की सुविधा मुहैया करवाई गई है. संग्रहालय में दो हॉल लोंगेवाला हॉल और इंडियन आर्मी हॉल बनाए गए हैं. जैसलमेर भ्रमण पर आने वाले सैलानियों विशेषकर देसी पर्यटकों के लिए यह संग्रहालय आकर्षण का एक अतिरिक्त केन्द्र बन गया है। जोधपुर अथवा बीकानेर से आने वाले सैलानी मार्ग में रुककर विशेषकर जैसलमेर से प्रस्थान करते समय इसका दीदार करना नहीं भूलते। स्थानीय गाइड्स व ट्रेवल एजेंट्सभी उन्हें यह युद्ध संग्रहालय देखने की सलाह देते हैं। संग्रहालय में आगंतुकों के लिए यहां एक छोटा सिनेमा, कैंटीन और सुव्यवस्थित दुकानें लगाई गई हैं। इसके अलावा शीतलता का अहसास कराने वाले फाउंटेन और हरी-भरी दूब से आच्छादित यह पूरा साफ-सुथरा परिसर पहली नजर में दर्शकों का मन मोह लेता है।