ये कैसे डॉक्टर, बुजुर्ग मरीज को लौटा दिया

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 27 सितम्बर 2016, 5:35 PM (IST)

गोरखपुर। प्रदेश सरकार स्वास्थ्य महकमे को सुधारने का लाख प्रयास कर रही हो लेकिन गोरखपुर में डॉक्टरों की मनमानी उनके इस प्रयास पर पानी फेर रहे है। तभी तो डाक्टर मरीज को प्राइवेट में देखने के चक्कर में जिला अस्पताल से मरीज को देखने से मना कर रहे है। सीएमएस की जांच में इसका खुलासा भी हो गया है। सीएमएस दोषी डॉक्टर के खिलाफ शासन को कार्यवाही के लिए पत्र लिख रहे है।

गोरखपुर के नेता जी सुबाष चन्द्र बोस जिला अस्पताल के मेल मेडिकल वार्ड में मेवालाल इलाज करा रहे थे।मेवा लाल की हालत खराब होने पर परिजन उन्हें जिला अस्पताल के ओपीडी लेकर पहुंचे जहाँ परिजनों ने पर्ची बनवाकर कमरा नम्बर दो में बैठे चिकित्सक वीके चौधरी को दिखाया लेकिन उन्होंने मरीज को यह कहकर लौटा दिया कि मै इस मरीज को नहीं देख सकता।

मेवालाल के बेटे ने यह बात जिला अस्पताल के एसआइसी को बताई तो उन्होंने कहा कि तुम उनसे यह लिखवालो कि वो इस तरह के मरीज नहीं देखते या फिर वो मरीज को देख ले।मेवा लाल के परिजन एक बार फिर 2 नम्बर में दिखाने पहुचे तो डॉ चौधरी ने मरीज को बिना देखे धमकी देते हुए एक सादे कागज़ पर कुछ दवाइयां लिख दीं।

मरीज के परिजन फिर एक बार सीएमएस के पास पहुचे तो उन्होंने मरीज को दूसरे डॉ के पास भेजा जिसने मरीज को गंभीर देख अस्पताल में भर्ती कराया।

वहीं जब इस बारे में मीडिया एसआइसी से जानने पहुंची तो जो बात सामने आई वह चौकाने के लिए काफी थी। दरअसल पूरा मामला प्राइवेट प्रेक्टिस का है

चौधरी जी अपने वहाँ आने वाले मरीजो को प्राइवेट देखने की पर्ची पकड़ा रहे थे यह बात मेरे तक एक महिला मरीज द्वारा आई जिस पर कड़ाई करते हुए मैंने पूछ ताछ की तो इसका परिणाम यह देखने को मिला।