कानपुर। भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेले गए तीन मैच की सीरीज के पहले टेस्ट में 197 रन से शानदार जीत दर्ज की। जीत के बाद संवाददाताओं से बातचीत में भारतीय कप्तान विराट कोहली ने खुलासा किया कि उन्होंने चेतेश्वर पुजारा से स्ट्राइक रेट सुधारने के संबंध में बातचीत की थी और वे खुश हैं कि उन्होंने भारत के 500वें टेस्ट में इस बात पर अमल करते हुए जीत में खास भूमिका निभाई।
28 वर्षीय पुजारा ने पहली पारी में 109 गेंदों पर 62 और दूसरी पारी में 152
गेंदों पर 72 रन बनाए और उनका स्ट्राइक रेट 50 से ज्यादा का रहा। हाल ही
कैरेबियन दौरे पर पुजारा को उनकी धीमी बल्लेबाजी का खमियाजा भुगतना पड़ा था
और उनकी जगह वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट में रोहित शर्मा को उतारा गया।
कोहली खुद चौथे के बजाय तीसरे स्थान पर आए।
इंडीज में पहले टेस्ट में
पुजारा ने 67 गेंदों पर 16 और दूसरे टेस्ट में 159 गेंदों पर 67 रन बनाए
थे। हालांकि न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज से पहले पुजारा ने अपने इरादे जाहिर
करते हुए दिलीप ट्रॉफी में 280 गेंदों पर 166 और 363 गेंदों पर 256 रन की
पारी खेली थी। कोहली ने कहा कि पुजारा ने कानपुर में अपनी स्ट्राइक रेट में
काफी सुधार किया।
पुजारा ऐसे खिलाड़ी हैं, जो दबाब का बखूबी सामना करते
हैं लेकिन कुछ परिस्थितियों में टीम को तेजी से रन की जरूरत होती है। हमें
लगा कि पुजारा उस स्थिति में भी बेहतर खेल सकते हैं। बस उन्हें यह बताने
की ही जरूरत थी। उन्होंने अपने खेल पर बहुत मेहनत की है। पुजारा दिलीप
ट्रॉफी में बढिय़ा स्ट्राइक रेट से खेले थे। यहां तक की पुजारा ने कानपुर
जैसे पिच पर भी 65-70 के स्ट्राइक रेट से रन बटोरे।
अगर आप पुजारा के इंग्लैंड व ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोहरे शतक देखेंगे, तो पता चलेगा कि वे स्पिनर्स के खिलाफ काफी प्रभावशाली रहते हैं। हम पुजारा से ऐसा ही चाहते थे। हम नहीं चाहते कि वे दबकर रहें। उनमें काफी क्षमताएं हैं। अगर वे एक बार रन बनाना शुरू कर देते हैं तो प्रतिद्वंद्वियों के लिए उन्हें नियंत्रित करना बहुत मुश्किल हो जाता है। वे टीम की जरूरत को समझते हैं और अब उनमें ज्यादा सकारात्मकता नजर आ रही है।