गुजरात में आर्थिक आरक्षण:दिन में रद्द किया,रात को किया बहाल

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 24 सितम्बर 2016, 8:36 PM (IST)

अहमदाबाद। पाटीदार आरक्षण आंदोलन को शांत करने के लिए राज्य सरकार ने आर्थिक तौर पर आरक्षण के अध्यादेश को शुक्रवार दिन में रद्द करने की घोषणा के बाद अचानक देर रात इस आदेश को बदल दिया गया और कहा गया कि ईबीसी यानी आर्थिक आधार पर आरक्षण उसी तरह से चालू रहेगा जैसे अब तक है।

डिप्टी मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने इस मामले में अपना बयान जारी करते हुए कहा कि ईबीसी के मसले पर सरकार ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जब तक सुप्रीम कोर्ट अपना आखरी फैसला नहीं सुनाता है सरकार अपनी कानूनी लडाई जारी रखेगी। गुजरात में एक मई के बाद से ईबीसी के तहत अब तक करीब 3 हजार छात्रों को एडमिशन दिया जा चुका है।

आरक्षण रद्द करने का किया था ऎलान...

दरअसल पाटीदार आरक्षण आंदोलन को शांत करने के लिए गुजरात सरकार ने सामान्य जाति के लिए 10 फीसदी आर्थिक तौर पर आरक्षण देने की घोषणा की है, हालांकि शुक्रवार को गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मिली फटकार के बाद आर्थिक तौर पर दिए गए आरक्षण को रद्द करने का ऎलान किया था।

गौरतलब है कि गुजरात हाई कोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए अनारक्षित श्रेणी के तहत 10 फीसदी आरक्षण के अध्यादेश को रद्द किया था। हाई कोर्ट ने गुजरात सरकार के इस अध्यादेश को असंवैधानिक बताया था जिसके बाद गुजरात सरकार ने हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। पाटीदार आरक्षण की मांग को शांत करने के लिए उस वक्त कि मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने 1 मई से अध्यादेश को लागू करने का ऎलान किया था।