सीएम का एक और चुनावी तोहफा, गृह जनपद के पास नौकरी कर सकेंगे पुलिसकर्मी

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 24 सितम्बर 2016, 7:18 PM (IST)

आगरा। अब उन पुलिसकर्मियों के मन की मुराद पूरी होने जा रही है, जो अपने घर के पास ड्यूटी करना चाहते हैं। पुलिसवालों की इस मुराद को पूरा करने जा रहे हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव। जी हां, डायल 100 के लिए बार्डर स्कीम के नियम शिथिल किए गए हैं। इस योजना में तैनाती पाने वाले पुलिसकर्मी तीन साल तक गृह जनपद के सीमावर्ती जनपद में तीन साल तक ड्यूटी कर सकेंगे। इसका शासनादेश जारी कर दिया गया है।

11 जुलाई, 1986 के शासनादेश के तहत पुलिसकर्मियों के गृह जनपद की सीमा से लगे जनपद में तैनाती प्रतिबंधित है। वर्ष 2010 और 2011 में इसका सख्ती से पालन कराया गया था। तब सिपाहियों और दारोगाओं के बड़े पैमाने पर तबादले हुए थे। तब से ऐसे हजारों पुलिसकर्मी हैं, जो घर के पास नौकरी करने की मुराद मन ही मन लिए हैं लेकिन पूरी नहीं हो पा रही। अब डायल 100 ने इन्हें मौका दिया है।

इस व्यवस्था का लाभ उठाने के लिए पुलिसकर्मियों को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देना होगा। पत्र में यह साफ करना होगा कि उन्हें गृह जनपद के पास तैनाती चाहिए। शासन इस पर फैसला लेगा कि उन्हें किस जनपद में तैनात किया जाए। इस योजना में सिर्फ अराजपत्रित पुलिसकर्मी ही प्रयास कर सकते हैं। पुलिस इमरजेंसी प्रबंधन प्रणाली (पीईएलएस) यानी डायल 100 को शुरू किए जाने की तैयारी चल रही है। आगरा समेत दस जनपदों में इसे 20 अक्तूबर से शुरू किया जाएगा।

आगरा के अतिरिक्त इलाहाबाद, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, कानपुर नगर, झांसी, लखनऊ, वाराणसी और मेरठ शामिल हैं। इसके लिए प्रशिक्षण 26 सितंबर से शुरू किया जाएगा। डायल 100 की एक और खूबी यह है कि इसमें पुलिस को घटनास्थल खोजने में समय नहीं लगेगा। लखनऊ कंट्रोल से मैसेज के साथ एक लिंक मिलेगा। यह गाड़ी में ड्राइवर के सामने लगी स्क्रीन पर खुलेगा। इस पर क्लिक करते ही घटनास्थल तक का पूरा नक्शा सामने होगा।